क्या जब हम हड्डियाँ हो जाएँगे (11)
कहते है की ये लौटना बड़ा नुकसान दे है (12)
वह (क़यामत) तो (गोया) बस एक सख्त चीख होंगी (13)
और लोग यकबारगी एक मैदान (हश्र) में मौजूद होंगे (14)
(ऐ रसूल) क्या तुम्हारे पास मूसा का किस्सा भी पंहुचा है (15)
जब उन को उन के परवरदिगार ने तूबा के मैदान में पुकारा (16)
फिरऔन के पास जाओ वह सरकश हो गया है (17)
और उस से कहो की क्या तेरी ख्वाहिश है कि (कुफ्र से) पाक हो जाए (18)
और मैं तुझे तेरे परवर दीगर की रह बता दूं तो तुझ को खौफ (पैदा) हो (19)
गरज़ मूसा ने उसे असा का बड़ा मोजिज़ा दिखाया (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 नवंबर 2024
क्या जब हम हड्डियाँ हो जाएँगे
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