सूरए अल मुतफफिफ्फीन मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी छत्तीस (36) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
नाप तौल में कमी करने वालों की ख़राबी है (1)
जो औरें से नाप कर लें तो पूरा पूरा लें (2)
और जब उनकी नाप या तौल कर दें तो कम कर दें (3)
क्या ये लोग इतना भी ख़्याल नहीं करते (4)
कि एक बड़े (सख़्त) दिन (क़यामत) में उठाए जाएँगे (5)
जिस दिन तमाम लोग सारे जहाँन के परवरदिगार के सामने खड़े होंगे (6)
सुन रखो कि बदकारों के नाम ए अमाल सिज्जीन में हैं (7)
तुमको क्या मालूम सिज्जीन क्या चीज़ है (8)
एक लिखा हुआ दफ़तर है जिसमें शयातीन के (आमाल दर्ज हैं) (9)
उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 नवंबर 2024
नाप तौल में कमी करने वालों की ख़राबी है (1)
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