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05 अक्तूबर 2024

जिला वक़्फ़ कमेटी कोटा के चेयरमेन सरफ़राज़ अंसारी के नेतृत्व में जिला वक़्फ़ कमेटी की आयोजित बैठक में , राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम पर आयोजित बैठक में , हाल ही में इंद्रेश कुमार जी द्वारा वक़्फ़ के प्रस्तावित संशोधन क़ानून के समर्थन में जो झूंठ फैलाने का प्रयास किया उसका सर्वसम्मत विरोध करते हुए उनके बयान को ख़ारिज कर दिया गया ,,

 कोटा ,,, जिला वक़्फ़ कमेटी कोटा के चेयरमेन सरफ़राज़ अंसारी के नेतृत्व में जिला वक़्फ़ कमेटी की आयोजित बैठक में , राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम पर आयोजित बैठक में , हाल ही में इंद्रेश कुमार जी द्वारा वक़्फ़ के प्रस्तावित संशोधन क़ानून के समर्थन में जो झूंठ फैलाने का प्रयास किया उसका सर्वसम्मत विरोध करते हुए उनके बयान को ख़ारिज कर दिया गया ,,
वक़्फ़ कमेटी कोटा के चेयरमेन सरफ़राज़ अंसारी ने , बताया की , वक़्फ़ बोर्ड , वक़्फ़ की सम्पत्तियों के रखरखाव के ज़रिये वक़्फ़ सम्पत्तियों की तो हिफाज़त करता ही है साथ ही महिलाओं , बुज़ुर्गों और प्रतिभावान छात्र छात्राओं के सुखद भविष्य के लिए कल्याणकारी व्यवस्थाएं भी करता है , रोज़गार संवर्धन योजनाए बनाता है , लेकिन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के इंद्रेश कुमार और उनके समर्थकों को यह नहीं नज़र आते वोह तो बस वक़्फ़ क़ानून में संशोधन के ज़रिये इसकी स्वाययत्ता समाप्त कर सरकारी करण और देश के संविधान की भावना के खिलाफ ,, उक्त वक़्फ़ व्यवस्था में मुस्लिम समाज के अलावा दूसरे समाजों को क़ाबिज़ करना चाहते हैं , जो क़तई बर्दाश्त नहीं है ,, सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के इंद्रेश कुमार और उनके समर्थक अफवाह फैला रहे है के वक़्फ़ सम्पत्तियों के रख रखाव और कल्याणकारी व्यवस्थाएं निर्धारण के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं है , शायद उन्होंने क़ानून पढ़ा ही नहीं ,, ,वक़्फ़ बोर्ड में दो महिलाओं का मनोनयन या निर्वाचन आवश्यक रूप से हो इस मामले में विधिक व्यवस्था पहले से ही मौजूद है , और वक़्फ़ बोर्ड में दो महिलाएं हर बार प्रतिनिधित्व करती है , यह बात खुद इंद्रेश जी ने जिन अबूबकर नक़वी को पिछले शासन में वक़्फ़ बोर्ड चेयरमेन बनवाया था , और उन्हें राजस्थान हायकोर्ट ने निर्योग्य घोषित कर बर्खास्त किया था , उनसे ही पूंछ लेते तो सच्चाई सामने आ जाती , खेर भाजपा की तो झूंठ फैलाने की आदत है , इनके समर्थक चुप रह सकते हैं , लेकिन देश के संविधान ,देश के क़ानून,, देश की धर्मनिरपेक्षता ,, मान मर्यादा ,, का सम्मान करने वाला कोई भी व्यक्ति इनकी इस झूंठ का समर्थन नहीं करेगा ,, सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के कोटा वक़्फ़ कमेटी ने सर्व सम्मति से प्रस्तावित संशोधित वक़्फ़ बिल का खुलकर विरोध करते हुए , संयुक्त प्रस्ताव लेकर ,इसे रिजेक्ट करने के लिए पूर्व में ही , भारत सरकार द्वारा नियुक्त जे पी सी को भेज दिया है ,, सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के ,, देश भर की अलग अलग वक़्फ़ की संस्थाओं की बात तो छोड़िये , अकेले कोटा जिला वक़्फ़ कमेटी ,, वक़्फ़ सम्पत्तियों के ज़रिये , कल्याणकारी व्यवस्थाएं चला रहा हैं , जिसमे कोटा में दो हॉस्टल संचालित हैं , जहां स्टूडेंट आकर रह रहे हैं , पढ़ रहे हैं , जबकि , सड़कों महिलाओं , बुज़ुर्गों को , उनके जीवन यापन के लिए आवश्यकतानुसार भत्ता पेंशन लगातार दी जा रही हैं , आवश्यकता पढ़ने पर बीमार की मदद होती है , प्रतिभावना छात्र छात्रों के लिए व्यस्था होती है , ,, सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के वक़्फ़ कमेटी द्वारा संचालित महफ़िल खानों में ,, गरीब लोगों के विवाह , सहित अन्य समारोह बहतर तरीके से न्यूनतम से भी न्यूनतम खर्च में हो सकें इसकी व्यवस्था की गई है , यही वजह है , के महफ़िल खानों में न्यूनतम टोकन खर्च पर  निर्धन लोगों के भी कार्य्रकम हो रहे हैं , यह बात खुद इंद्रेश जी जानते है , क्योंकि इन महफ़िल खानों में वोह खुद इनके मंच की बैठकें आयोजित कर चुके हैं , ,सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के , वक़्फ़ सम्पत्तियों पर , किरायेदारों द्वारा रोज़गार किया जा रहा हैं , सड़कों लोग अपना रोज़गार न्यूनतम किराए पर कर रहे हैं , जबकि वक़्फ़ द्वारा अस्पताल संचालन के प्रयास लगातार किये जाते रहे हैं , लेकिन टेक्निकल अड़ंगेबाजी की वजह से अभी यह सम्भव नहीं हो सका है , जबकि वक़्फ़ बोर्ड , सहित कमेटी ने इसका प्रस्ताव मंज़ूर कर रखा है , बजट का भी प्रावधान है , लेकिन वक़्फ़ की ज़मीन होने पर भी इसमें बाधाएं उतपन्न की जा रही हैं , सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के वक़्फ़ रख रखाव के लिए प्रस्तावित संशोधित बिल में , मुस्लिम समाज से इतर दूसरे समाज के लोगों की नामजदगी अव्यवहारिक है , अगर इंद्रेश जी इसे सही मानते है , तो उन्हें उनके समाज की जो सम्पत्तियाँ , ट्रस्ट ,देवस्थान वगेरा हैं उनमे भी मुस्लिम समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व का सुझाव देना चाहिए , ,सरफ़राज़ अंसारी ने कहा के इंद्रेश कुमार मुस्लिम राष्ट्रवादी मंच के नेता है , देश के मुस्लिम उनसे जुड़े हैं , कोटा के मुस्लिम , मौलवी , मौलाना , शिक्षाविद उनके कार्यक्रम में थे अच्छी बात है , यह उनका स्वतंत्र अधिकार यही , लेकिन इंद्रेश कुमार  इस मंच के माध्यम से ,, केंद्र और राजस्थान सरकार से वक़्फ़ सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटवाने , निर्माण कार्यों में उतपन्न की जाने वाली बाधाएं दूर करने ,, महिलाओं , छात्र छात्राओं की शिक्षा , स्वरोजगार योजनाओं के लिए छात्रवृत्ति ,, ऋण योजनाओं सहित स्कूलों में उर्दू विषय खुलवाने पर चर्चा करते ,  मांग उठाते  ,, साथ ही , उनकी पार्टी भाजपा ,, और सरकार में राजनितिक और सरकारी नियुक्तियों में उनकी हिस्सेदारी दिलवाने की मांग उठाते , तो हम उनका स्वागत करते , लेकिन मदरसा शिक्षा , स्कूली शिक्षा ,उर्दू , अल्पसंख्यक कल्याणकारी कार्यक्रम , अल्पसंख्यक स्वरोज़गार ऋण योजनाएं , अल्पसंख्यक होने की वजह से , अत्याचार से मुक्ति सहित अन्य मुद्दों पर उनकी चुप्पी क्या संदेश देती है , देश जनता है , सरफ़राज़ अंसारी ने कहा , के मुख़्तार अब्बास नक़वी , शानवाज खान , नजमा  हेपतुल्ला जैसे लोग , ,कहाँ है , जब तक उन्हें भाजपा को ज़रूरत थी , वोह सामने रहते थे , अब हाशिये पर हैं , ,बैठक में साजिद जावेद , ,,,,,,,,,सभी के नाम जायेंगे उपस्थित थे , ,

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