और ये किसी शायर की तुक बन्दी नहीं तुम लोग तो बहुत कम ईमान लाते हो (41)
और न किसी काहिन की (ख़्याली) बात है तुम लोग तो बहुत कम ग़ौर करते हो (42)
सारे जहाँन के परवरदिगार का नाजि़ल किया हुआ (क़लाम) है (43)
अगर रसूल हमारी निस्बत कोई झूठ बात बना लाते (44)
तो हम उनका दाहिना हाथ पकड़ लेते (45)
फिर हम ज़रूर उनकी गर्दन उड़ा देते (46)
तो तुममें से कोई उनसे (मुझे रोक न सकता) (47)
ये तो परहेज़गारों के लिए नसीहत है (48)
और हम ख़ूब जानते हैं कि तुम में से कुछ लोग (इसके) झुठलाने वाले हैं (49)
और इसमें शक नहीं कि ये काफि़रों की हसरत का बाएस है (50)
और इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनन बरहक़ है (51)
तो तुम अपने परवरदिगार की तसबीह करो (52)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 अक्टूबर 2024
और ये किसी शायर की तुक बन्दी नहीं तुम लोग तो बहुत कम ईमान लाते हो
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