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20 अक्टूबर 2024

(ऐ रसूल) मुझे और उस शख़्स को छोड़ दो जिसे मैने अकेला पैदा किया

 (ऐ रसूल) मुझे और उस शख़्स को छोड़ दो जिसे मैने अकेला पैदा किया (11)
और उसे बहुत सा माल दिया (12)
और नज़र के सामने रहने वाले बेटे (दिए) (13)
और उसे हर तरह के सामान से वुसअत दी (14)
फिर उस पर भी वह तमाअ रखता है कि मैं और बढ़ाऊँ (15)
ये हरगिज़ न होगा ये तो मेरी आयतों का दुशमन था (16)
तो मैं अनक़रीब उस सख़्त अज़ाब में मुब्तिला करूँगा (17)
उसने फ़िक्र की और ये तजवीज़ की (18)
तो ये (कम्बख़्त) मार डाला जाए (19)
उसने क्यों कर तजवीज़ की (20)

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