या (इस बाब में) उनके और लोग भी शरीक हैं तो अगर ये लोग सच्चे हैं तो अपने शरीकों को सामने लाएँ (41)
जिस दिन पिंडली खोल दी जाए और (काफि़र) लोग सजदे के लिए बुलाए जाएँगे तो (सजदा) न कर सकेंगे (42)
उनकी आँखें झुकी हुयी होंगी रूसवाई उन पर छाई होगी और (दुनिया में) ये
लोग सजदे के लिए बुलाए जाते और हटटे कटटे तन्दरूस्त थे (43)
तो मुझे उस कलाम के झुठलाने वाले से समझ लेने दो हम उनको आहिस्ता आहिस्ता इस तरह पकड़ लेंगे कि उनको ख़बर भी न होगी (44)
और मैं उनको मोहलत दिये जाता हूँ बेशक मेरी तदबीर मज़बूत है (45)
(ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (तबलीग़े रिसालत का) कुछ सिला माँगते हो कि उन पर तावान का बोझ पड़ रहा है (46)
या उनके इस ग़ैब (की ख़बर) है कि ये लोग लिख लिया करते हैं (47)
तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तेज़ार में सब्र करो और मछली (का
निवाला होने) वाले (यूनुस) के ऐसे न हो जाओ कि जब वह ग़ुस्से में भरे हुए
थे और अपने परवरदिगार को पुकारा (48)
अगर तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी उनकी यावरी न करती तो चटियल मैदान में डाल दिए जाते और उनका बुरा हाल होता (49)
तो उनके परवरदिगार ने उनको बरगुज़ीदा करके नेकोकारों से बना दिया (50)
और कुफ़्फ़ार जब क़ुरआन को सुनते हैं तो मालूम होता है कि ये लोग तुम्हें घूर घूर कर (राह रास्त से) ज़रूर फिसला देंगे (51)
और कहते हैं कि ये तो सिड़ी हैं और ये (क़ुरआन) तो सारे जहाँन की नसीहत है (52
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अक्टूबर 2024
या (इस बाब में) उनके और लोग भी शरीक हैं तो अगर ये लोग सच्चे हैं तो अपने शरीकों को सामने लाएँ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)