और मुझे उन झुठलाने वालों से जो दौलतमन्द हैं समझ लेने दो और उनको थोड़ी सी मोहलत दे दो (11)
बेशक हमारे पास बेडि़याँ (भी) हैं और जलाने वाली आग (भी) (12)
और गले में फँसने वाला खाना (भी) और दुख देने वाला अज़ाब (भी) (13)
जिस दिन ज़मीन और पहाड़ लरज़ने लगेंगे और पहाड़ रेत के टीले से भुर भुरे हो जाएँगे (14)
(ऐ मक्का वालों) हमने तुम्हारे पास (उसी तरह) एक रसूल (मोहम्मद) को भेजा
जो तुम्हारे मामले में गवाही दे जिस तरह फ़िरऔन के पास एक रसूल (मूसा) को
भेजा था (15)
तो फ़िरऔन ने उस रसूल की नाफ़रमानी की तो हमने भी (उसकी सज़ा में) उसको बहुत सख़्त पकड़ा (16)
तो अगर तुम भी न मानोगे तो उस दिन (के अज़ाब) से क्यों कर बचोगे जो बच्चों को बूढ़ा बना देगा (17)
जिस दिन आसमान फट पड़ेगा (ये) उसका वायदा पूरा होकर रहेगा (18)
बेशक ये नसीहत है तो जो शख़्स चाहे अपने परवरदिगार की राह एख़्तेयार करे (19)
(ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार चाहता है कि तुम और तुम्हारे चन्द साथ के
लोग (कभी) दो तिहाई रात के क़रीब और (कभी) आधी रात और (कभी) तिहाई रात
(नमाज़ में) खड़े रहते हो और ख़ुदा ही रात और दिन का अच्छी तरह अन्दाज़ा कर
सकता है उसे मालूम है कि तुम लोग उस पर पूरी तरह से हावी नहीं हो सकते तो
उसने तुम पर मेहरबानी की तो जितना आसानी से हो सके उतना (नमाज़ में) क़ुरआन
पढ़ लिया करो और वह जानता है कि अनक़रीब तुममें से बाज़ बीमार हो जाएँगे
और बाज़ ख़ुदा के फ़ज़ल की तलाश में रूए ज़मीन पर सफ़र एख़्तेयार करेंगे और
कुछ लोग ख़ुदा की राह में जेहाद करेंगे तो जितना तुम आसानी से हो सके पढ़
लिया करो और नमाज़ पाबन्दी से पढ़ो और ज़कात देते रहो और ख़ुदा को क़र्ज़े
हसना दो और जो नेक अमल अपने वास्ते (ख़ुदा के सामने) पेश करोगे उसको ख़ुदा
के हाँ बेहतर और सिले में बुज़ुर्ग तर पाओगे और ख़ुदा से मग़फे़रत की दुआ
माँगो बेशक ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अक्टूबर 2024
और मुझे उन झुठलाने वालों से जो दौलतमन्द हैं समझ लेने दो और उनको थोड़ी सी मोहलत दे दो
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