तो क्या तुम लोग इस कलाम से इन्कार रखते हो (81)
और तुमने अपनी रोज़ी ये करार दे ली है कि (उसको) झुठलाते हो (82)
तो क्या जब जान गले तक पहुँचती है (83)
और तुम उस वक़्त (की हालत) पड़े देखा करते हो (84)
और हम इस (मरने वाले) से तुमसे भी ज़्यादा नज़दीक होते हैं लेकिन तुमको दिखाई नहीं देता (85)
तो अगर तुम किसी के दबाव में नहीं हो (86)
तो अगर (अपने दावे में) तुम सच्चे हो तो रूह को फेर क्यों नहीं देते (87)
पस अगर वह (मरने वाला ख़ुदा के) मुक़र्रेबीन से है (88)
तो (उस के लिए) आराम व आसाइश है और खुशबूदार फूल और नेअमत के बाग़ (89)
और अगर वह दाहिने हाथ वालों में से है (90)
तो (उससे कहा जाएगा कि) तुम पर दाहिने हाथ वालों की तरफ़ से सलाम हो (91)
और अगर झुठलाने वाले गुमराहों में से है (92)
तो (उसकी) मेहमानी खौलता हुआ पानी है (93)
और जहन्नुम में दाखिल कर देना (94)
बेशक ये (ख़बर) यक़ीनन सही है (95)
तो (ऐ रसूल) तुम अपने बुज़ुर्ग परवरदिगार की तस्बीह करो (96)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 सितंबर 2024
तो क्या तुम लोग इस कलाम से इन्कार रखते हो
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