मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद झालावाड़ द्धारा नैत्रदान पोस्टर का विमोचन
2. राख़ या ख़ाक में मिलने से,अच्छा है,किसी की आँख में रौशन रहे - शंभू दयाल
राष्ट्रीय अन्धता निवारण मिशन के 39वें राष्ट्रीय नैत्रदान पखवाड़े कार्यक्रम को शाइन इंडिया फाउंडेशन और आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान के बीबीजे चैप्टर द्धारा पूरे संभाग में धूम-धाम से मनाया जा रहा है । संस्था के प्रयासों और उनके द्वारा नैत्रदान के कार्यों के प्रति समर्पण की सराहाना करते हुऐ संभाग के प्रशासनिक अधिकारी भी नैत्रदान-महादान के इस अभियान में जुड़ते चले जा रहे है।
इसी क्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद झालावाड़ श्री शंभु दयाल मीणा (आरएएस) और जिला परिवहन अधिकारी अक्षय विश्नोई ने नैत्रदान पखवाड़े के तहत जागरूकता पोस्टर का विमोचन किया । इस दौरान शाइन इंडिया के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़, रामगंजमंडी शाखा के ज्योति-मित्र संजय विजावत, दीपक पाराशर भी मौजूद थे ।
श्री शम्भू दयाल ने नैत्रदान के कार्यों के लिये शाइन इंडिया फाउंडेशन की सराहना करते हुए कहा कि,आमजन के मन में नैत्रदान से जुड़ी भ्रांतियाँ औऱ रूढ़िवादिता के कारण लोग आगे नहीं आते हैं। यूँही ख़ाक या राख़ में मिल जाने से ,काफ़ी बेहतर है ,किसी की आँख में रौशनी बनकर रहना।
नेत्रदान-अंगदान-देहदान कि जागरूकता के लिये 13 वर्ष से अनवरत कार्य कर रही संभाग की एकमात्र संस्था शाईन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा सम्पूर्ण संभाग में 39वां राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । संस्था द्वारा कोटा संभाग में नेत्रदान-अंगदान के विषय पर छोटी-छोटी कार्यशालायें आयोजित की जा रही है । इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के पीछे सामाजिक संस्थाओं का मूल उद्देश्य यही रहता है कि,आमजनता को अधिक से अधिक नैत्रदान के बारे में जागरूक किया जा सकें ।
शाइन इंडिया फाउंडेशन से मिली जानकारी के अनुसार संस्था के सहयोग से वर्ष 2011 से अभी तक झालावाड़ शहर से 30 जोड़ी व शहर के पास ही भवानीमंडी क्षेत्र से 103 जोड़ी नेत्र प्राप्त हुए है।
ज्ञात हो कि,वर्तमान में झालावाड़ जिले में कहीं भी कोई मृत्यु होती है,और उनके परिजन यदि नैत्रदान करवाना चाहते है,तो वह 8386900102 पर 24 घंटे में किसी भी समय पर सम्पर्क कर सकते है । दो-से ढाई घंटे में कोटा से नैत्रदान लेने के लिये शाइन इंडिया की टीम आ जाती है,और पार्थिव शव से कॉर्निया प्राप्त कर लेती है। नैत्रदान पूर्णतया रक्तविहीन प्रक्रिया है,जिसमें न चेहरा विकृत होता है,न इसमें 10 मिनट से ज्यादा समय लगता है ।
टीम के घर तक आने तक,आँखों को पूरा बंद करा जाये,उन पर गीली पट्टी,और पंखा बंद रखा जाये। हर वह व्यक्ति जो 2 वर्ष से 80 वर्ष की उम्र का है,वह नैत्रदान कर सकता है। चश्मा लगा हुआ व्यक्ति, बी पी ,थाइरोइड,हृदय सम्बंधित बीमारी वाले व्यक्ति भी नैत्रदान का संकल्प व नैत्रदान कर सकते है । नैत्रदान करवाने के लिये पार्थिव शव को कहीं अस्पताल या घर से कहीं अन्यत्र ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है। नैत्रदान की सम्पूर्ण प्रक्रिया घर पर,मुक्तिधाम में या किसी भी अस्पताल में कई जा सकती है।
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