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08 सितंबर 2024

सारे आसमान व ज़मीन की बादशाही ख़ास उसी की है और ख़ुदा ही की तरफ़ कुल उमूर की रूजू होती है

 

सूरए अल हदीद (लोहा)
सूरए अल हदीद मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी उन्तीस (29) आयतें हैं
जो जो चीज़ सारे आसमान व ज़मीन मे है सब ख़ुदा की तसबीह करती है और वही ग़ालिब हिकमत वाला है (1)
सारे आसमान व ज़मीन की बादशाही उसी की है वही जिलाता है वही मारता है और वही हर चीज़ पर कादिर है (2)
वही सबसे पहले और सबसे आखि़र है और (अपनी क़ूवतों से) सब पर ज़ाहिर और (निगाहों से) पोशीदा है और वही सब चीज़ों को जानता (3)
वह वही तो है जिसने सारे आसमान व ज़मीन को छहः दिन में पैदा किए फिर अर्श (के बनाने) पर आमादा हुआ जो चीज़ ज़मीन में दाखिल होती है और जो उससे निकलती है और जो चीज़ आसमान से नाजि़ल होती है और जो उसकी तरफ़ चढ़ती है (सब) उसको मालूम है और तुम (चाहे) जहाँ कहीं रहो वह तुम्हारे साथ है और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है (4)
सारे आसमान व ज़मीन की बादशाही ख़ास उसी की है और ख़ुदा ही की तरफ़ कुल उमूर की रूजू होती है (5)
वही रात को (घटा कर) दिन में दाखिल करता है तो दिन बढ़ जाता है और दिन (घटाकर) रात में दाखि़ल करता है (तो रात बढ़ जाती है) और दिलों के भेदों तक से ख़ूब वाकि़फ़ है (6)
(लोगों) ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाओ और जिस (माल) में उसने तुमको अपना नायब बनाया है उसमें से से कुछ (ख़ुदा की राह में) ख़र्च करो तो तुम में से जो लोग ईमान लाए और (राहे ख़ुदा में) ख़र्च करते रहें उनके लिए बड़ा अज्र है (7)
और तुम्हें क्या हो गया है कि ख़ुदा पर ईमान नहीं लाते हो हालाँकि रसूल तुम्हें बुला रहें हैं कि अपने परवरदिगार पर ईमान लाओ और अगर तुमको बावर हो तो (यक़ीन करो कि) ख़ुदा तुम से (इसका) इक़रार ले चुका (8)
वही तो है जो अपने बन्दे (मोहम्मद) पर वाज़ेए व रौशन आयतें नाजि़ल करता है ताकि तुम लोगों को (कुफ्ऱ की) तारिक़ीयों से निकाल कर (ईमान की) रौशनी में ले जाए और बेशक ख़ुदा तुम पर बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है (9)
और तुमको क्या हो गया कि (अपना माल) ख़ुदा की राह में ख़र्च नहीं करते हालाँकि सारे आसमान व ज़मीन का मालिक व वारिस ख़ुदा ही है तुममें से जिस शख़्स ने फ़तेह (मक्का) से पहले (अपना माल) ख़र्च किया और जेहाद किया (और जिसने बाद में किया) वह बराबर नहीं उनका दर्जा उन लोगों से कहीं बढ़ कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और जेहाद किया और (यूँ तो) ख़ुदा ने नेकी और सवाब का वायदा तो सबसे किया है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाकि़फ़ है (10)

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