ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे तो दोज़खि़यों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है (11)
बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बेदेखे भाले डरते हैं उनके लिए मग़फेरत और बड़ा भारी अज्र है (12)
और तुम अपनी बात छिपकर कहो या खुल्लम खुल्ला वह तो दिल के भेदों तक से ख़ूब वाकि़फ़ है (13)
भला जिसने पैदा किया वह तो बेख़बर और वह तो बड़ा बारीकबीन वाकि़फ़कार है (14)
वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (व हमवार) कर दिया तो उसके
अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुयी) रोज़ी खाओ (15)
और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख़्स से जो आसमान
में (हुकूमत करता है) इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धॅसा दे
फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे (16)
या तुम इस बात से बेख़ौफ हो कि जो आसमान में (सल्तनत करता) है कि तुम पर
पत्थर भरी आँधी चलाए तो तुम्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि मेरा डराना
कैसा है (17)
और जो लोग उनसे पहले थे उन्होने झुठलाया था तो (देखो) कि मेरी नाख़ुशी कैसी थी (18)
क्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिडि़यों को उड़ते नहीं देखा जो परों को
फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई रोके नहीं रह
सकता बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है (19)
भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे
काफि़र लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुयी) रोज़ी
रोक ले तो कौन ऐसा है जो तुम्हें रिज़क़ दे (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 सितंबर 2024
ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे तो दोज़खि़यों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)