पिता के नैत्रदान से,मरणोपरांत भी जीवंत रहेगा सेवाकार्य
2. बेटे-बेटियों ने सम्पन्न कराया पिता का नैत्रदान
जवाहर
नगर निवासी महेंद्र, हुलास और मनोज कांकरिया के पिताजी श्री निहालचंद जी
कांकरिया (आशा टी वाले) का आज शाम आकस्मिक निधन हो गया । निहालचंद जी
प्रारंभ से ही सेवा कार्यों में जुड़े रहे,उनकी दुकान पर आने वाला व्यक्ति
कभी खाली हाथ नहीं जाता था, हमेशा प्रसन्न चित्त और उदार मन के धनी,
निहालचंद जी किसी के दु:ख- सुख में हमेशा आगे रहते थे ।
पिता की
सेवा कार्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही तीनों बेटों महेंद्र,
हुलास,मनोज और बेटी लीला,सुनीता ने पिता जी के नैत्रदान करवाने के लिए शाइन
इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया । टीम के सदस्यों ने मौके पर आकर पार्थिव
शव की आंखों के कॉर्निया का परीक्षण किया,कॉर्निया की स्थिति सही पाने
पर,नेत्रदान का कार्य परिवार के सभी क़रीबी रिश्तेदारों के बीच में संपन्न
हुआ ।
इस पुनीत कार्य को संपन्न करवाने में शाइन इंडिया
फाउंडेशन के ज्योति मित्र एवं तेरापंथ युवक परिषद के नेत्रदान प्रभारी आशीष
सुराणा ,सदस्य मनीष हीरावत,सौरभ दस्सानी एवं सत्येंद्र अग्रवाल का सहयोग
रहा ।
2. बेटे-बेटियों ने सम्पन्न कराया पिता का नैत्रदान
जवाहर
नगर निवासी महेंद्र, हुलास और मनोज कांकरिया के पिताजी श्री निहालचंद जी
कांकरिया (आशा टी वाले) का आज शाम आकस्मिक निधन हो गया । निहालचंद जी
प्रारंभ से ही सेवा कार्यों में जुड़े रहे,उनकी दुकान पर आने वाला व्यक्ति
कभी खाली हाथ नहीं जाता था, हमेशा प्रसन्न चित्त और उदार मन के धनी,
निहालचंद जी किसी के दु:ख- सुख में हमेशा आगे रहते थे ।
पिता की
सेवा कार्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही तीनों बेटों महेंद्र,
हुलास,मनोज और बेटी लीला,सुनीता ने पिता जी के नैत्रदान करवाने के लिए शाइन
इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया । टीम के सदस्यों ने मौके पर आकर पार्थिव
शव की आंखों के कॉर्निया का परीक्षण किया,कॉर्निया की स्थिति सही पाने
पर,नेत्रदान का कार्य परिवार के सभी क़रीबी रिश्तेदारों के बीच में संपन्न
हुआ ।
इस पुनीत कार्य को संपन्न करवाने में शाइन इंडिया
फाउंडेशन के ज्योति मित्र एवं तेरापंथ युवक परिषद के नेत्रदान प्रभारी आशीष
सुराणा ,सदस्य मनीष हीरावत,सौरभ दस्सानी एवं सत्येंद्र अग्रवाल का सहयोग
रहा ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 अगस्त 2024
पिता के नैत्रदान से,मरणोपरांत भी जीवंत रहेगा सेवाकार्य
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