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01 सितंबर 2024

(उस वक़्त लोगों में फ़र्क ज़ाहिर होगा)

 सूरए अल वाकिअह मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी (95) पिच्चान्नवे आयते हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
जब क़यामत बरपा होगी और उसके वाकि़या होने में ज़रा झूट नहीं (1)
(उस वक़्त लोगों में फ़र्क ज़ाहिर होगा) (2)
कि किसी को पस्त करेगी किसी को बुलन्द (3)
जब ज़मीन बड़े ज़ोरों में हिलने लगेगी (4)
और पहाड़ (टकरा कर) बिल्कुल चूर चूर हो जाएँगे (5)
फिर ज़र्रे बन कर उड़ने लगेंगे (6)
और तुम लोग तीन किस्म हो जाओगे (7)
तो दाहिने हाथ (में आमाल नामा लेने) वाले (वाह) दाहिने हाथ वाले क्या (चैन में) हैं (8)
और बाएं हाथ (में आमाल नामा लेने) वाले (अफ़सोस) बाएं हाथ वाले क्या (मुसीबत में) हैं (9)
और जो आगे बढ़ जाने वाले हैं (वाह क्या कहना) वह आगे ही बढ़ने वाले थे (10)

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