गुनाहगार लोग तो अपने चेहरों ही से पहचान लिए जाएँगे तो पेशानी के पटटे और पाँव पकड़े (जहन्नुम में डाल दिये जाएँगे) (41)
आखि़र तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे (42)
(फिर उनसे कहा जाएगा) यही वह जहन्नुम है जिसे गुनाहगार लोग झुठलाया करते थे (43)
ये लोग दोज़ख़ और हद दरजा खौलते हुए पानी के दरमियान (बेक़रार दौड़ते) चक्कर लगाते फिरेंगे (44)
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत को न मानोगे (45)
और जो शख़्स अपने परवरदिगार के सामने खड़े होने से डरता रहा उसके लिए दो दो बाग़ हैं (46)
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमत से इन्कार करोगे (47)
दोनों बाग़ (दरख़्तों की) टहनियों से हरे भरे (मेवों से लदे) हुए (48)
फिर दोनों अपने सरपरस्त की किस किस नेअमतों को झुठलाओगे (49)
इन दोनों में दो चश्में जारी होंगे (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2024
आखि़र तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे
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