तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे (51)
इन दोनों बाग़ों में सब मेवे दो दो किस्म के होंगे (52)
तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे (53)
यह लोग उन फर्शों पर जिनके असतर अतलस के होंगे तकिये लगाकर बैठे होंगे
तो दोनों बाग़ों के मेवे (इस क़दर) क़रीब होंगे (कि अगर चाहे तो लगे हुए
खालें) (54)
तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे (55)
इसमें (पाक दामन ग़ैर की तरफ आँख उठा कर न देखने वाली औरतें होंगी
जिनको उन से पहले न किसी इन्सान ने हाथ लगाया होगा) और जिन ने (56)
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किन किन नेअमतों को झुठलाओगे (57)
(ऐसी हसीन) गोया वह (मुजस्सिम) याक़ूत व मूँगे हैं (58)
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किन किन नेअमतों से मुकरोगे (59)
भला नेकी का बदला नेकी के सिवा कुछ और भी है (60)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 अगस्त 2024
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे
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