फिर तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को झुठलाओगे (61)
उन दोनों बाग़ों के अलावा दो बाग़ और हैं (62)
तो तुम दोनों अपने पालने वाले की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे (63)
दोनों निहायत गहरे सब्ज़ व शादाब (64)
तो तुम दोनों अपने सरपरस्त की किन किन नेअमतों को न मानोगे (65)
उन दोनों बाग़ों में दो चश्में जोश मारते होंगे (66)
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे (67)
उन दोनों में मेवें हैं खुरमें और अनार (68)
तो तुम दोनों अपने मालिक की किन किन नेअमतों को झुठलाओगे (69)
उन बाग़ों में ख़ुश ख़ुल्क और ख़ूबसूरत औरतें होंगी (70)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अगस्त 2024
फिर तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को झुठलाओगे
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)