परिवार ने नेत्रदान की परंपरा कायम रखी,देहदान भी संपन्न कराया
मंगल निवास,रामपुरा,कोटा निवासी पीयूष,मनीष,अनिल व अलौकिक जैन के चाचा चंद्र मोहन जैन का गुरुवार सुबह हृदयघात से आकस्मिक निधन हुआ ।
प्रारंभ से ही धर्म,कर्म और साधु संतों में आस्था रखने वाले चंद्र मोहन 14 वर्ष पहले ही अपने नेत्रदान और देहदान का संकल्प परिवार जनों के बीच ले चुके थे । उन्होंने अपनी वसीयत में भी देहदान का जिक्र,एवं तिये, बारहवें की बैठक और मृत्यु के बाद के सभी संस्कारों के लिए मना किया था ।
चन्द्र मोहन के देवलोकगमन उपरांत,चारों भतीजों ने चाचा जी की अंतिम इच्छा का मान रखते हुए,संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र व लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व संभागीय अध्यक्ष आदर लुंकड़ को नेत्रदान और देहदान करवाने के लिए संपर्क किया ।
सूचना मिलते ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से मंगल निवास पर नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई और उसके उपरांत कोटा मेडिकल कॉलेज में भावी चिकित्सकों के अध्ययन हेतु चंद्र मोहन का पार्थिव शरीर एनाटॉमी विभाग को सोपा गया ।
शाइन
इंडिया के डॉ गौड़ ने बताया कि, मंगल निवास स्थित इस परिवार से पूर्व में
भी दो देवलोकगामी राजेंद्र कुमार जैन और प्रकाश चंद्र जैन का नेत्रदान का
कार्य लायंस क्लब कोटा,हाड़ौती के सहयोग से संपन्न हुआ है ।
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