और बेहिष्त परहेज़गारों के बिलकुल करीब कर दी जाएगी (31)
यही तो वह बेहिष्त है जिसका तुममें से हर एक (ख़ुदा की तरफ़) रूजू करने
वाले (हुदूद की) हिफाज़त करने वाले से वायदा किया जाता है (32)
तो जो शख़्स ख़ुदा से बे देखे डरता रहा और ख़ुदा की तरफ़ रूजू करने वाला दिल लेकर आया (33)
(उसको हुक्म होगा कि) इसमें सही सलामत दाखि़ल हो जाओ यहीं तो हमेशा रहने का दिन है (34)
इसमें ये लोग जो चाहेंगे उनके लिए हाजि़र है और हमारे यहाँ तो इससे भी ज़्यादा है (35)
और हमने तो इनसे पहले कितनी उम्मतें हलाक कर डाली जो इनसे क़ूवत में
कहीं बढ़ कर थीं तो उन लोगों ने (मौत के ख़ौफ से) तमाम शहरों को छान मारा
कि भला कहीं भी भागने का ठिकाना है (36)
इसमें शक नहीं कि जो शख़्स (आगाह) दिल रखता है या कान लगाकर हुज़ूरे क़ल्ब से सुनता है उसके लिए इसमें (काफ़ी) नसीहत है (37)
और हमने ही यक़ीनन सारे आसमान और ज़मीन और जो कुछ उन दोनों के बीच में
है छहः दिन में पैदा किए और थकान तो हमको छुकर भी नहीं गयी (38)
तो (ऐ रसूल) जो कुछ ये (काफि़र) लोग किया करते हैं उस पर तुम सब्र करो
और आफ़ताब के निकलने से पहले अपने परवरदिगार के हम्द की तस्बीह किया करो
(39)
और थोड़ी देर रात को भी और नमाज़ के बाद भी उसकी तस्बीह करो (40)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 अगस्त 2024
यही तो वह बेहिष्त है जिसका तुममें से हर एक (ख़ुदा की तरफ़) रूजू करने वाले (हुदूद की) हिफाज़त करने वाले से वायदा किया जाता है
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