तो जो कुछ उन्होने देखा उनके दिल ने झूठ न जाना (11)
तो क्या वह (रसूल) जो कुछ देखता है तुम लोग उसमें झगड़ते हो (12)
और उन्होने तो उस (जिबरील) को एक बार (शबे मेराज) और देखा है (13)
सिदरतुल मुनतहा के नज़दीक (14)
उसी के पास तो रहने की बेहिश्त है (15)
जब छा रहा था सिदरा पर जो छा रहा था (16)
(उस वक़्त भी) उनकी आँख न तो और तरफ़ माएल हुयी और न हद से आगे बढ़ी (17)
और उन्होने यक़ीनन अपने परवरदिगार (की क़ुदरत) की बड़ी बड़ी निशानियाँ देखीं (18)
तो भला तुम लोगों ने लात व उज़्ज़ा और तीसरे पिछले मनात को देखा (19)
(भला ये ख़ुदा हो सकते हैं) (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अगस्त 2024
तो जो कुछ उन्होने देखा उनके दिल ने झूठ न जाना
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