आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

09 जुलाई 2024

सालगिराह मुबारक हो, बधाई हो,

 

सालगिराह मुबारक हो, बधाई हो,
लिखे जो ख़त मुझे, गीत की तर्ज़ पर , इंटरनेट के इस आधुनिक युग में भी , लाखों लाख पुर लुत्फ , बधाइयों के खतों से, खुशियां बांटने का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले भाई बहादुर की, पुर कशिश , साहित्यिक अंदाज़ ऐ बयां की बहादुरी को सेल्यूट, शरीक ऐ हयात ,अगर शुक्र ,,सब्र वाली ,मददगार हो ,तो शोहर के लिए जन्नत का माहौल होता है ,और इस जन्नत के माहौल में ,शोहर अपनी शरीक ऐ हयात के प्यार में डूब कर ,अड़ोस ,पड़ोस ,,मोहल्ले ,, कस्बे ,ज़िले ,,सभी जगह ,प्यार की खुशबु महकाता है ,प्यार बांटता है ,और ऐसा शोहर अगर नफरत के इस माहौल उसके इस ,,मोहब्बत के पैगाम ,,की लगातार कामयाबी के लिए गुलपोशी के साथ सम्मानित होता रहे तो ऐसी शरीक ऐ हयात ,उनके शोहर के लिए फख्र की बात होती है ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ ,,मोहब्बत का पैगाम बांटने वाले एक शख्स बहादुर भाई ,नफरत के इस माहौल में बढ़ी बहादुरी से सीना तानकर मोहब्बत का पैगाम देता है ,दुसरो के सुख दुःख का साथी होता है ,नफरत के माहौल को प्यार के माहौल में बदलता है ,न हिन्दू हो ,न तुम हो मुसलमान ,बस तुम इंसान ,सिर्फ इंसान हो ,के पैगाम को लोगो में मुस्कुराहट के साथ बांटता है ,अलबत्ता ,इस कोशिश में बहादुर भाई के पैरों में कभी छाले होते है ,कभी अपनी पारिवारिक मसरूफियात को भी दरगुज़र कर वोह अपने इस कार ऐ खेर को बखूबी अंजाम देते है ,नफरत के खिलाफ मोहब्बत की इस जंग में भाई बहादुर हमेशा जीतते है ,लेकिन इसके लिए उनके साथ उनकी शरीक ऐ हयात ,हमारी भाभीजान भी मुबारकबाद की हक़दार है क्योंकि उनके वक़्त में से चोरी करके बहादुर भाई अपने वक़्त को इस कार ऐ खेर ,,मोहब्बत के पैगाम ,,की खुशबु बिखेरने में लगाते है ,सोमवार 25 जून को ,,मोहब्बत बांटने वाले इस खूबसूरत जोड़े का गठबंधन हुआ ,,और ऐसा गठबंधन जो माशाअल्लाह ,अपनी खुशियों के साथ समाज में ,शहर में ,मोहल्ले में सिर्फ और सिर्फ खुशियां तलाशता है ,खुशियां बांटता है ,ऐसे मोहब्बत के पैगाम देने वाली खूबसूरत जोड़ी को उनकी शादी की सालगिरह के बाद बहादुर भाई की सालगिराह पर बेशुमार दुआओं के साथ बधाई ,मुबारकबाद ,,,
मेने पहले भी लिखा था ,,,हर एक दिल का ,,जिसे दर्द सुनाई देता है ,,,उसी शेख बहादुर को ,,सारा ज़माना बधाई देता है ,, दोस्तों राजस्थान का एक छोटा सा बारां जिला ,,जहां काम मिस्त्री का लेकिन जज़्बा क़ौमी एकता ,,राष्ट्रीयता ,,समाजसेवा का ,,बस इसी जज़्बे ने शेख बहादुर को ,,बारां ही पुरे राजस्थान में हर दिल अज़ीज़ कर दिया ,,लोगों ने इनके काम और जज़्बे को देखकर इनके घर को प्रशंसा पत्र और पुरस्कार प्रतीक चिन्हो से भर दिया ,,शेख बहादुर कहते है ,,के रोटी की भूख मिटाने के साथ साथ खिदमत ऐ ख़ल्क़ ,,यानी दुनिया की खिदमत भी ज़िंदगी के लिए ज़रूरी है ,,वोह कहते है ,,इस्लाम नहीं सिखाता ,,आपस में बेर रखना ,,हिंदी है हम ,,हिंदुस्तान हमारा ,,बस इसी जज़्बे को लेकर शेख बहादुर घर घर ,,बस्ती बस्ती जाकर लोगों की तकलीफ देखते है और बिना कहे ,,बिना धर्म ,,ज़ात पात देखे ,,उसकी खिदमत उसकी सेवा में जुट जाते है ,,गरीब की खिदमत उन्हें हाथ उठाकर दुआएं दिलवाती है ,,जबकि अमीरो के लिए भी उनकी समाजसेवा ज़रूरत बन गयी है ,,सियासत से दूर ,,दलगत राजनीति से दूर ,,अहंकार ,,हिन्दू मुस्लिम के जज़्बे से दूर ,,इंसानियत सिर्फ इंसानियत के जज़्बे के साथ ,,समाजसेवा में लगे भाई शेख बहादुर उनके अनुकरणीय कार्यो के चलते बारां जिला प्रशासन द्वारा सात से भी अधिक बार सम्मानित हो चुके है ,,शेख बहादुर अपने छात्र जीवन से ही समाजसेवा और दुसरो की मदद का जज़्बा रखते थे ,,इसीलिए वोह इनके दोस्तों में ,,मददगार के नाम से जाने जाते थे ,,जैसा नाम वैसा काम ,एक तो शेख ,,यानि अपने घर के रईस ,,दूसरे बहादुर ,,यानि निर्भीक ,किसी का कोई खौफ नहीं ,बस सच और ईमानदारी के साथ मज़लूम की मदद ,,उसके लिए इंसाफ का संघर्ष इनकी बहादुरी को ज़िंदाबाद करता है ,,,किसी को खून की ज़रूरत हो ,,लोग शेख बहादुर को तलाशते है ,,किसी को रोटी की ज़रूरत हो ,, किसी को कपड़े की ज़रूरत हो ,,किसी को इलाज के लिए मदद की ज़रूरत हो ,,दवा की ज़रूरत हो ,,रात रात भर जागकर अस्पताल में मदद की ज़रूरत हो ,,,बच्चो को कपड़े ,,फीस ,,स्कूल की किताबो की ज़रूरत हो ,,छात्रव्रत्ति की ज़रूरत हो ,,,,विकलांगो को बैसाखी की ज़रूरत हो ,,वाहन की ज़रूरत हो ,,हर ज़रूरत का एक ही इलाज ,,एक ही दवा ,,शेख बहादुर ,,शेख बहादुर ,,विकट परिस्थितियों में जब नफरत की आंधी चल रही थी ,,धर्म मज़हब के नाम पर लोग एक दूसरे के खून के प्यासे थे ,,तब शेख बहादुर डंके की चोट पर ,,बारां में प्यार ,,मज़हबी एकता का संदेश देते हुए ,,बारां के भड़काऊ लोगों की नाक में नकेल डालकर कई अनहोनी घटनाओ को रोक रहे थे ,,,बस शेख बहादुर इनकी इन अदाओ से ही बारां के हर वर्ग ,,हर समाज में हर दिल अज़ीज़ बने ,,सभी समाज सेवी संस्थाओ ने इन्हे अपने साथ जोड़ा ,रोटरी क्लब हो ,,लॉयन्स क्लब हो ,,जिला परिषद हो ,,पंचायत हो ,,पालिका हो ,,जिला प्रशासन हो ,,पुलिस प्रशासन हो ,,मंत्री हो संत्री हो ,,अमीर हो गरीब हो ,,दुखी हो खुशहाल हो ,सभी लोगों में शेख बहादुर ज़िंदाबाद है ,,समाजसेवा की एक जांबाज़ समर्पण के जज़्बे की मिसाल है ,,,अपने रोज़गार के साथ साथ ,,, अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियाँ ,,,अपने निजी कामकाज के साथ साथ समाज की सेवा सीमित साधनो से करना असम्भव है लेकिन इस असम्भव को सम्भव कर दिखाया है ,,भाई शेख बहादुर ने ,,,दर्जन से भी अधिक बार ,,हर साल बारां जिला प्रशासन द्वारा अलग अलग कार्यो के लिए इनका लगातार सम्मान ,,,कोटा संभागीय आयुक्त द्वारा इनका सम्मान ,,,पांच दर्जन से भी अधिक संस्थाओ द्वारा इनका सम्मान अपने आप में इनकी सेवा का पुरस्कार है ,,लोगों के दिलों में इनके लिए प्यार का जज़्बा इनके लिए इनाम है ,,,शेख बहादुर ने स्वर्गीय एडवोकेट अशफ़ाक़ भाईजान से पत्र के ज़रिये अपनी खुशिया बांटने की कला सीखी ,,प्रशासन और लोगों तक अपने लोगों की ,,अपने क्षेत्र की समस्याएं भेजने और उनका समाधान करने का ज़रिया ढूंढा और बस समाजसेवा के जज़्बे के साथ साथ ,,शेख बहादुर बारां की हर समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को पत्र लिखने लगे ,,लोगों को बधाई ,,मुबारकबाद ,,समाजसेवा का संदेश भेजने लगे ,वोह लिखते गए ,,वोह लिखते गए ,,लोग पढ़ते रहे ,,उन्हें याद करते रहे और वर्ष उन्नीस सो चौरासी से आज तक वक़्त गुज़रा शेख बहादुर के एक मित्र ने उनके द्वारा लिखित संदेश पत्रो को जब हिसाब जोड़ा तो यह आंकड़ा अठ्ठावन हज़ार का हो गया ,,सब चोंक गए ,,,बहादुर को इस पत्र लेखन के लिए बारां की समाज सेवी संस्थाओ ने प्रुस्कृत किया ,,,अब बारां में अनूठी समाज सेवा और उनके पत्र लिखकर लोगों में सुधार का प्रयास करने ,,लोगों को समाजसेवा ,,दुसरो की मदद ,,सरकार की सेवाओ का लाभ दुसरो तक पहुंचाने का जज़्बा पैदा किया ,,सेकड़ो लोग सेकड़ो लोग ऐसे है जिनकी ज़िंदगी शेख बहादुर के एक पत्र ने बदल दी ,,एक संदेश ,,और जागरूकता की मिसाल बनती गई ,,छुआछूत के खिलाफ पत्र अभियान ,,बेटी पढ़ाओ ,,बेटी बचाओ के लिए पत्र अभियान ,,वृद्धो के सम्मान के लिए पत्र अभियान ,,,समस्याओ के निराकरण के लिए पत्र अभियान ,,,छात्र छात्राओ में शिक्षा की जागृति ,,,राष्ट्रिय एकता ,,राष्ट्रिय सम्मान ,,,अभिमान ,,गौरव और राष्ट्रिय एकता के जज़्बे के लिए इनके पत्रो का अपना महत्व आज भी है ,,,ऐसी अनूठी शख्सियत ,शेख बहादुर बारा वालों को मेरा सलाम ,,बधाई मुबारकबाद ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...