ये (क़़ुरआन) है और जिन लोगों ने अपने परवरदिगार की आयतों से इन्कार किया उनके लिए सख़्त किस्म का दर्दनाक अज़ाब होगा (11)
ख़ुदा ही तो है जिसने दरिया को तुम्हारे क़ाबू में कर दिया ताकि उसके
हुक्म से उसमें कष्तियाँ चलें और ताकि उसके फज़ल (व करम) से (मआश की) तलाश
करो और ताकि तुम शुक्र करो (12)
और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सबको अपने (हुक्म) से
तुम्हारे काम में लगा दिया है जो लोग ग़ौर करते हैं उनके लिए इसमें
(क़़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं (13)
(ऐ रसूल) मोमिनों से कह दो कि जो लोग ख़ुदा के दिनों की (जो जज़ा के
लिए मुक़र्रर हैं) तवक़्क़ो नहीं रखते उनसे दरगुज़र करें ताकि वह लोगों के
आमाल का बदला दे (14)
जो शख़्स नेक काम करता है तो ख़ास अपने लिए और बुरा काम करेगा तो उस का
बवाल उसी पर होगा फिर (आखि़र) तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौटाए जाओगे (15)
और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और
उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहाँन पर फ़ज़ीलत दी
(16)
और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने
के बाद बस आपस की जि़द में एक दूसरे से एख़्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन
बातों से एख़्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें
फैसला कर देगा (17)
फिर (ऐ रसूल) हमने तुमको दीन के खुले रास्ते पर क़ायम किया है तो इसी
(रास्ते) पर चले जाओ और नादानों की ख़्वाहिशों की पैरवी न करो (18)
ये लोग ख़ुदा के सामने तुम्हारे कुछ भी काम न आएँगे और ज़ालिम लोग एक
दूसरे के मददगार हैं और ख़ुदा तो परहेज़गारों का मददगार है (19)
ये (क़़ुरआन) लोगों (की) हिदायत के लिए दलीलो का मजमूआ है और बातें करने वाले लोगों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 जुलाई 2024
ये (क़़ुरआन) है और जिन लोगों ने अपने परवरदिगार की आयतों से इन्कार किया उनके लिए सख़्त किस्म का दर्दनाक अज़ाब होगा
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