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07 जुलाई 2024

जिस दिन कोई दोस्त किसी दोस्त के कुछ काम न आएगा और न उन की मदद की जाएगी

 जिस दिन कोई दोस्त किसी दोस्त के कुछ काम न आएगा और न उन की मदद की जाएगी (41)
मगर जिन पर ख़ुदा रहम फरमाए बेशक वह (ख़ुदा) सब पर ग़ालिब बड़ा रहम करने वाला है (42)
(आख़ेरत में) थोहड़ का दरख़्त (43)
ज़रूर गुनेहगार का खाना होगा (44)
जैसे पिघला हुआ तांबा वह पेटों में इस तरह उबाल खाएगा (45)
जैसे खौलता हुआ पानी उबाल खाता है (46)
(फ़रिश्तों को हुक्म होगा) इसको पकड़ो और घसीटते हुए दोज़ख़ के बीचों बीच में ले जाओ (47)
फिर उसके सर पर खौलते हुए पानी का अज़ाब डालो फिर उससे ताआनन कहा जाएगा अब मज़ा चखो (48)
बेशक तू तो बड़ा इज़्ज़त वाला सरदार है (49)
ये वही दोज़ख़ तो है जिसमें तुम लोग शक किया करते थे (50)

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