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07 जुलाई 2024

देश भर में आपराधिक , साक्ष्य , संरक्षण तीनों क़ानूनों के अव्यवहारिक तोर पर बिना व्यवस्थाओं के लागू होने के बाद , कोटा सहित सभी क्षेत्रों में , अराजकता की स्थिति है ,

 देश भर में आपराधिक , साक्ष्य , संरक्षण  तीनों क़ानूनों के अव्यवहारिक तोर पर बिना व्यवस्थाओं के लागू होने के बाद , कोटा सहित सभी क्षेत्रों में , अराजकता की स्थिति है , क्योंकि अगर क़ानून बनाने का शोक था ,तो क़ानून को क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण ,, स्टाफ , प्रयोगशालाएं , विडिओ ग्राफ़ी स्टाफ ,, देता ट्रांसफर टीम सहित कई ज़रूरी स्टाफ होना चाहिए था , जो नहीं है , यही वजह है ,के  कोटा सहित समूचे देश में असमंजस और परेशानी की स्थिति बनी हुई है ,, देश के  थानों में स्टाफ की कमी है , प्रशिक्षण का आभाव है , ,कार्यशालाएं विधिवत तरीके से नहीं हो पाई हैं , ,देश भर में ना तो प्रयोगशालाएं जिला स्तर पर त्वरित जांच रिपोर्ट देने वाली स्थापित हैं , ना ही , स्वतंत्र गवाह बनने के लिए सिविक्स सेन्स , नागरिक की सुरक्षा की व्यवस्था के साथ गवाही देने की ज़िम्मेदारी के प्रति कोई मोटिवेशन है , ,स्टाफ की तो थानों में कमी है ही ,उनमे से भी साहब की सुरक्षा में , वी आई पी यात्राओं की सुरक्षा में , फिर वही कहावत आधे इधर आओ , आधे इधर जाओ , बाक़ी मेरे पीछे आओ , इसी तरह कमोबेश ,, ड्यूटियों के बाद , थानों के स्टाफ की स्थिति ,है  अदालतों में बयान देते वक़्त , इनकी थकान , मानसिक दबाव के चलते यह लोग , सही तरीके से जिरह के वक़्त , स्थिर भी नहीं रह पाते हैं , ऐसे में इनके विशेष प्रशिक्षण , इन्हे हार्ड ड्यूटी से गवाही के एक दिन पहले रियायत देने की भी ज़रूरत बनी हुई है , ख़ास तोर अनुसंधान में , अब किसी भी चीज़ की  ज़ब्ती , तलाशी , वगेरा कार्यक्रम में विडिओग्राफी की क़ानूनी मजबूरी कर गई है , ऐसे में , एक अनुसंधान अधिकारी , दो पुलिस कर्मी , तलाशी , ज़ब्ती की विडिओ ग्राफ़ी भी बनाएं , फर्दें भी बनाएं फिर उस विडिओग्राफी को पेनड्राइव में डाले , और इसके तुरंत बाद , यह सेकेंडरी एविडेंस की श्रेणी में आ जाने से , साक्ष्य कमज़ोर होने के हालात हो जाते है , ऐसे में , विडिओ कैमरे , पेन ड्राई ,,हर थाने में सैकड़ों नहीं , हज़ारों की तादाद में दिया जाना ज़रूरी हो गई है , ,थानों में कागज़ों ,, कार्बन की ही कमी है ,स्टेशनरी की ही कमी है , तो फिर पेन ड्राइव , सी डी थानों में हर मामले में , आवश्यकता होने के कारण , उपलब्ध नहीं होने से बहुत मुश्किल काम हो गया है , थानाधिकारी या फिर अनुसंधान अधिकारी अपनी जेब से कब तक यह व्यवस्थाएं करेगा , ,मेने इसीलिए उक्त क़ानून को लागू करने  के पहले , माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल जी को पत्र के  माध्यम से आगाह करते हुए व्यवस्थाएं करने का आग्रह किया था ,लेकिन क्या करें ,, सरकार है , क़ानून तो लागू हो गया लेकिन व्यवस्थायें उपलब्ध नहीं हुईं , ,मेर पत्र हु बहु पेश है ,, ,
प्रतिष्ठा में ,
माननीय श्री भजनलाल साहब,
मुख्यमंन्त्री , राजस्थान सरकार,
सचिवालय जयपुर , राजस्थान,
विषय, , संशोधित न्याय, नागरिक सुरक्षा , साक्ष्य संहिता 2023,  1 जुलाई को लागू होने के पूर्व अनुसंधान, विचारण सहित हर स्तर पर पर्याप्त व्यवस्था करने के त्वरित निर्देश देने के क्रम में,
मान्यवर,
सादर अभिनन्दन,
केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान सहित देश भर में कुछ चिन्हित स्थानों को छोड़कर , आपराधिक प्रकरण के विचारण, अनुसन्धान सहित अन्य मामलों को लेकर, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 आगामी 1 जुलाई से लागू करने के निर्देश के साथ महामहिम की अधिसूचना जारी की है, उक्त कानून पुरानी भारतीय दंड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता, साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे, जिसमे कई महत्वपूर्ण संशोधन , वैज्ञानिक उपकरण, जांच प्रयोगशाला, अनुसंधान तत्परता से संम्बन्धित है,
आदरणीय वर्तमान परिस्थितियों में राजस्थान में उक्त कानूनों को लागू करने के पूर्व सम्पूर्ण व्यवस्थाएं तो क्या, सामान्य सुविधाएं भी व्यवहार में उपलब्ध नहीं हो पाई हैं , इसके लिए तत्काल , श्रीमान मुख्यमंन्त्री महोदय, मुख्य सचिव महोदय, माननीय मुख्य न्यायधीश राजस्थान उच्च न्यायालय, महामहिम राज्यपाल महोदय , पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था,  महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, के साथ संयुक्त बैठक कर निचली अदालतों, थानों, पुलिस अधीक्षक कार्यालयों, प्रयोगशाला विशेषज्ञों, इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञों सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं क्या क्या तत्काल रूप से ज़रूरी हैं, इस मामले में अतिरिक्त बजट देकर तुरन्त प्रबंधन करवाया जाना आवश्यक हैं,
मान्यवर, इसी तरह ज़िला स्तर पर जिला जज , मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, ज़िला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, लोक अभियोजक अपर लोक अभियोजक, प्रयोगशाला विशेषज्ञ की भी तात्कालिक बैठक कर सुझाव, आवश्यक आपूर्ति की डिमांड लेकर तुरन्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश देना ज़रूरी है,
मान्यवर , नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 में पुलिस रिपोर्ट के विविध प्रावधानों में , इलेक्ट्रॉनिक सूचना एफ आई आर का प्रावधान भी है, जो तीन दिन में फिजिकल हस्ताक्षरित करेगा, इसके लिए सम्बंधित थानाधिकारी का ई मेल, वेबसाइट की व्यवस्था , प्रचार प्रसार, इलेक्ट्रॉनिक, कम्प्यूटर उपकरण , प्रत्येक अनुसन्धान में , वीडियो ग्राफी , ओडियो रिकॉर्डिंग, फिर पेन ड्राइव न्यायालय में पेश करने के लिये पृथक पृथक प्रत्येक थाने में हज़ारों पेन ड्राइव की ज़रूरत होगी, थानाधिकारियों के लिये मोबाइल, लेबटोप ज़रूरी होंगे,
मान्यवर, उक्त भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में फिंगर प्रिंट, हस्त लेख विषेषज्ञ जांच, अन्य वैज्ञानिक जांच तत्काल जांच रिपोर्ट मामले में जिला स्तर पर एफ एस एल वेन, का प्रावधान भी है, जो तत्काल रिपोर्ट भी देने के निर्देश हैं , ऐसे में एफ एस एल व्यवस्था में  त्वरितता , विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की भर्ती, ज़िला जज स्तर पर प्रतिदिन न्यायालय में मोबाइल एफ एस एल वेन,  की व्यवस्था तुरन्त हो, महिलाओं के विरुद्ध अपराध में भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं, गवाह सुरक्षा हो,
मान्यवर,  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में मुकदमे , परिवाद निस्तारण के लिये 90 से 180 दिन की अधिकतम समय सीमा तय है, ऐसे में न्यायालयों की संख्या में व्रद्धि के साथ, स्टाफ , न्यायिक मजिस्ट्रेट, जजों की संख्या में वृद्धि ज़रूरी है,
अतः उक्त नए आपराधिक क़ानून को आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी की परिकल्पना के अनुसार त्वरित , निष्पक्ष अनुसन्धान ,  त्वरित विचारण  , निष्पक्ष निर्णय के लिये , व्यवहारिक रूप से उक्त सभी व्यवस्थाओं को राजस्थान में पुलिस, न्यायालय, एफ एस एल मोबाइल वेन, विशेषज्ञ वैज्ञानिक, पुलिस एफ आई आर पोर्टल, अनुसन्धान डेस्क, अनुसन्धान प्रशिक्षण सहित सभी व्यवस्थाएं लागू करें , अन्यथा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी की यह व्यवस्थित परिकल्पना कागज़ी होकर रह जायेगी, थानों, एफ एस एल , प्रयोगशालाओं, न्यायालयों में संख्या कम मुकदमों का दबाव अधिक होने से तारीख पे तारीख की अव्यवस्था फेल जाएगी,
विशेष आग्रह उक्त निर्णय श्रीमान अपने स्तर पर करवाएं , मुख्यमंन्त्री पोर्टल पर आपके अधिकारी इसे डालकर अनावश्यक शिकायत पोर्टल का वक़्त खराब ना करें ऐसे निर्देश भी देकर अनुग्रहित करें ,
भवदीय

एडवोकेट अख़्तर खान अकेला
महासचिव ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
रशीदा मंज़िल, 2 थ 15 मैन रोड विज्ञाननगर कोटा राजस्थान 324005
9829086339

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