फिर आसमान की तरफ मुतावज्जे हुआ और (उस वक़्त) धुएँ (का सा) था उसने उससे
और ज़मीन से फ़रमाया कि तुम दोनों आओ ख़ुशी से ख़्वाह कराहत से, दोनों ने
अर्ज़ की हम ख़ुशी ख़ुशी हाजि़र हैं (11)
(और हुक्म के पाबन्द हैं) फिर उसने दोनों में उस (धुएँ) के सात आसमान
बनाए और हर आसमान में उसके (इन्तेज़ाम) का हुक्म (कार कुनान कज़ा व क़दर के
पास) भेज दिया और हमने नीचे वाले आसमान को (सितारों के) चिराग़ों से
मुज़य्यन किया और (शैतानों से महफूज़) रखा ये वाकि़फ़कार ग़ालिब ख़ुदा के
(मुक़र्रर किए हुए) अन्दाज़ हैं (12)
फिर अगर हम पर भी ये कुफ्फार मुँह फेरें तो कह दो कि मैं तुम को ऐसी
बिजली गिरने (के अज़ाब से) डराता हूँ जैसी क़ौम आद व समूद की बिजली की कड़क
(13)
जब उनके पास उनके आगे से और पीछे से पैग़म्बर (ये ख़बर लेकर) आए कि
ख़़ुदा के सिवा किसी की इबादत न करो तो कहने लगे कि अगर हमारा परवरदिगार
चाहता तो फ़रिश्ते नाजि़ल करता और जो (बातें) देकर तुम लोग भेजे गए हो हम
तो उसे नहीं मानते (14)
तो आद नाहक़ रूए ज़मीन में ग़़ुरूर करने लगे और कहने लगे कि हम से बढ़ के
क़ूवत में कौन है, क्या उन लोगों ने इतना भी ग़ौर न किया कि ख़ुदा जिसने
उनको पैदा किया है वह उनसे क़ूवत में कहीं बढ़ के है, ग़रज़ वह लोग हमारी
आयतों से इन्कार ही करते रहे (15)
तो हमने भी (तो उनके) नहूसत के दिनों में उन पर बड़ी ज़ोरों की आँधी चलाई
ताकि दुनिया की जि़न्दगी में भी उनको रूसवाई के अज़ाब का मज़ा चखा दें और
आख़ेरत का अज़ाब तो और ज़्यादा रूसवा करने वाला ही होगा और (फिर) उनको कहीं
से मदद भी न मिलेगी (16)
और रहे समूद तो हमने उनको सीधा रास्ता दिखाया, मगर उन लोगों ने हिदायत के
मुक़ाबले में गुमराही को पसन्द किया तो उन की करतूतों की बदौलत जि़ल्लत के
अज़ाब की बिजली ने उनको ले डाला (17)
और जो लोग ईमान लाए और परहेज़गारी करते थे उनको हमने (इस) मुसीबत से बचा लिया (18)
और जिस दिन ख़़ुदा के दुशमन दोज़ख़ की तरफ़ हकाए जाएँगे तो ये लोग तरतीब वार खड़े किए जाएँगे (19)
यहाँ तक की जब सब के सब जहन्नुम के पास जाएँगे तो उनके कान और उनकी आँखें
और उनके (गोश्त पोस्त) उनके खि़लाफ उनके मुक़ाबले में उनकी कारस्तानियों
की गवाही देगें (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 जून 2024
फिर अगर हम पर भी ये कुफ्फार मुँह फेरें तो कह दो कि मैं तुम को ऐसी बिजली गिरने (के अज़ाब से) डराता हूँ जैसी क़ौम आद व समूद की बिजली की कड़क
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