ईद उल अजहा के मौके पर खुदा की बारगाह में हजारों सिर झुके, बुराइयों की कुर्बानी देकर नेक राह पर चलें, आत्महत्या सबसे बड़ा गुनाह के डी अब्बासी कोटा जून। ईद उल अजहा को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कोटा शहर के ईदगाह सहित कई स्थानों पर अलग अलग समय में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। शहर की किशोरपुरा में स्थित मुख्य ईदगाह में मुस्लिम समाज के लोगो ने बड़ी तादाद में नमाज अदा की । शहर काजी जुबैर अहमद ने ईद की नमाज अदा करवाई। शहर काजी जुबैर अहमद ने ईदुल अजहा के मौके पर अपने बयान में कहा कि ईद पर कुर्बानी हमें अपने अंदर की छिपी बुराईयों की कुर्बानी देना सिखाती है। आज लोगों को अपनी बुराईयों को छोड़कर नेकी की राह पर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करना सबसे बड़ा गुनाह है, इसलिए इस गुना से बचना चाहिए और दूसरों को भी बचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि
समाज को सही राह पर ले जाना हमारा मकसद है। यह त्योहार प्यार मोहब्बत का पैगाम देता है और आपसी भाईचारे का पैगाम देता है। ईद का मतलब खुशी यह खुशी बार-बार आती है। इस मौके पर सब भाई एक जगह पर एकत्रित होकर नमाज अदा करते हैं। इस तरह के त्योहारों के आयोजनों में शामिल होने से एक ही संदेश जाता है कि इंसान किसी भी जाति धर्म समुदाय से संबंधित हो आपस में प्यार और मोहब्बत से रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान में इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता है।
ईद का मतलब ही यही होता है कि हम दूसरों को भी अपनी खुशी में शामिल करें और उनको भी खुश रखें। ईदुल अजहा आपसी प्यार और मोहब्बत का पैगाम यह देता है। नमाज के बाद देश में अमन और चैन की दुआ मांगी गई। नमाज के बाद कौमी एकता ईद मिलन कमेटी की ओर से शहर काजी जुबेर अहमद और जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी व सिटी एसपी अमृता दुहन, एटीएम सिटी, संभागीय आयुक्त सहित कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे जिनका स्वागत किया गया। इस मौके पर एक दूसरे के गले मिलकर ईद की बधाई दी।
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