पत्नि,किसी की आँखों की रौशनी बने,इसलिये किया नैत्रदान
2. माँ के बाद अब पत्नी,का संपन्न कराया नेत्रदान, इसी परिवार का चौथा नेत्रदान
3. बूंदी का पहला परिवार,जिसमें संपन्न हुआ चौथा नेत्रदान
2
वर्ष पूर्व, गुरु नानक कॉलोनी बूंदी निवासी सुरेंद्र कपूर की माता जी
रामप्यारी कपूर का मरणोपरांत नेत्रदान का कार्य शाइन इंडिया फाउंडेशन के
ज्योति मित्र श्रवण कुमार गुन्द की प्रेरणा से संपन्न हुआ था ।
कल
शनिवार दोपहर में सुरेंद्र की पत्नी नीलम रानी कपूर का भी हृदयघात से
आकस्मिक निधन हुआ शोक की घड़ी होने के बावजूद सुरेंद्र जी ने परिवार में
नेत्रदान की परंपरा को बनाए रखने के लिए तुरंत ही पत्नी के नेत्रदान के लिए
ममेरे भाई रविन्द्र भारद्धाज व श्रवण कुमार को संपर्क किया ।
सुरेंद्र
ने बेटे नरेश,राजेश व बेटी मधु से नीलम के नैत्रदान की सहमति मिली,जिसके
उपरांत कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ० कुलवंत गौड़ ने बूँदी पहुँचकर
परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया ।
संस्था
के ज्योति मित्र इदरिस बोहरा ने बताया कि,शहर में नेत्रदान की प्रति लोगों
में जागरूकता बढ़ती जा रही है,यही कारण है कि,बूंदी शहर में यह पहला
पंजाबी परिवार है, जहां से चौथा नेत्रदान संपन्न हुआ है ।
इस
पंजाबी परिवार में नेत्रदान की अलख जगाने का सारा श्रेय श्रवण कुमार को ही
जाता है,जिन्होंने सबसे पहले कोटा में अपनी भाभी स्वर्णा रानी, उसके बाद
बहन मोतिया रानी व जीजा उधोगपति मनोहर लाल भारद्धाज का मरणोपरांत नैत्रदान
सम्पन्न करवाया था ।
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