कोटा से गई टीम ने 50 किलोमीटर दूर अंता में लिया नेत्रदान
कोटा
संभाग में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है और इसी
जागरूकता का परिचय देते हुए अंता कस्बे से बुधवार को नेत्रदान प्राप्त हुआ।
संस्थापक शाइन इंडिया फाउंडेशन व इबीएसआर-बीबीजे चेप्टर
कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि बुधवार को अंता कस्बे के खंडेलवाल
समाज के वरिष्ठ सदस्य गुलाबचंद जंघेनिया का निधन होने के बाद दामाद अशोक
खंडेलवाल के द्वारा मृतक के पुत्र सत्यनारायण एवं शिवराज खण्डेलवाल से
नेत्रदान के लिए समझाइश की गयी ।
शिक्षित परिवार व सामाजिक कार्यो
में अग्रणी होने के कारण परिवार की ओर से नेत्रदान हेतू सहज स्वीकृति
प्रदान कर दी गई। संस्था के भवानीमंडी शाखा के ज्योति-मित्र कमलेश गुप्ता
दलाल की सूचना पर, शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम तुरंत कोटा से 50 किलोमीटर
दूर अंता पहुँची ।
घर पर उपस्थित सभी परिवारजनों एवं बाहर से आए हुए
रिश्तेदारों के सामने डॉ गौड़ ने पार्थिव शव से कॉर्निया संकलित किया ।
सैकड़ों की संख्या में उपस्थित नगरवासियों और रिश्तेदारों ने नेत्रदान की
प्रक्रिया को अच्छी तरह से देखा और जानकारी को प्राप्त किया कि,नेत्रदान
में किसी भी तरह की चेहरे पर विकृति नहीं आती है, इसमें केवल आंखों के ऊपर
की झिल्ली जिसे कोर्निया कहा जाता है को ही लिया जाता है। इसमें पूरी आंख
नहीं निकाली जाती है। यह रक्तहीन प्रक्रिया 10 मिनट में ही पूरी हो जाती है
।
इस दॊरान भारत विकास परिषद् के विष्णुकान्त शर्मा, मयंक
ठाकुरिया, सोनु वॆष्णव आदि परिषद सदस्यों ने सहयोग किया। आई बैंक सोसाइटी
ऑफ़ राजस्थान के बीबीजे चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि
,नेत्रदान एक अत्यंत सरल और सहज परोपकारी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा
मृत्यु को प्राप्त परिजनों की नेत्र ज्योति को जीवित रखा जा सकता है, यह
परोपकार का सबसे बड़ा कार्य है।
प्रेषक:
डॉ कुलवंत गौड़
शाइन इंडिया फाउंडेशन,
मोबाइल नंबर 83869 00102
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 मई 2024
कोटा से गई टीम ने 50 किलोमीटर दूर अंता में लिया नेत्रदान
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