और जब उनसे कहा जाता है कि जो (किताब) ख़़ुदा ने नाजि़ल की है उसकी पैरवी
करो तो (छूटते ही) कहते हैं कि नहीं हम तो उसी (तरीक़े से चलेंगे) जिस पर
हमने अपने बाप दादाओं को पाया भला अगरये शैतान उनके बाप दादाओं को जहन्नुम
के अज़ाब की तरफ बुलाता रहा हो (तो भी उन्ही की पैरवी करेंगे) (21)
और जो शख़्स ख़ुदा के आगे अपना सर (तस्लीम) ख़म करे और वह नेकोकार (भी) हो
तो बेशक उसने (ईमान की) मज़बूत रस्सी पकड़ ली और (आखि़र तो) सब कामों का
अन्जाम ख़ु़दा ही की तरफ है (22)
और (ऐ रसूल) जो काफिर बन बैठे तो तुम उसके कुफ्र से कुढ़ों नही उन सबको तो
हमारी तरफ लौट कर आना है तो जो कुछ उन लोगों ने किया है (उसका नतीजा) हम
बता देगें बेशक ख़ुदा दिलों के राज़ से (भी) खूब वाकि़फ है (23)
हम उन्हें चन्द रोज़ों तक चैन करने देगें फिर उन्हें मजबूर करके सख़्त अज़ाब की तरफ खीच लाएँगें (24)
और (ऐ रसूल) तुम अगर उनसे पूछो कि सारे आसमान और ज़मीन को किसने पैदा किया
तो ज़रुर कह देगे कि अल्लाह ने (ऐ रसूल) इस पर तुम कह दो अल्हमदोलिल्लाह
मगर उनमें से अक्सर (इतना भी) नहीं जानते हैं (25)
जो कुछ सारे आसमान और ज़मीन में है (सब) ख़़ुदा ही का है बेशक ख़ुदा तो (हर चीज़ से) बेपरवा (और बहरहाल) क़ाबिले हम्दो सना है (26)
और जितने दरख़्त ज़मीन में हैं सब के सब क़लम बन जाएँ और समन्दर उसकी
सियाही बनें और उसके (ख़त्म होने के) बाद और सात समन्दर (सियाही हो जाएँ और
ख़ुदा का इल्म और उसकी बातें लिखी जाएँ) तो भी ख़ुदा की बातें ख़त्म न
होगीं बेशक ख़ुदा सब पर ग़ालिब (और) दाना (बीना) है (27)
तुम सबका पैदा करना और फिर (मरने के बाद) जिला उठाना एक शख़्स के (पैदा
करने और जिला उठाने के) बराबर है बेशक ख़़ुदा (तुम सब की) सुनता और सब कुछ
देख रहा है (28)
क्या तूने ये भी ख़्याल न किया कि ख़ुदा ही रात को (बढ़ा के) दिन में
दाखि़ल कर देता है (तो रात बढ़ जाती है) और दिन को (बढ़ा के) रात में
दाखि़ल कर देता है (तो दिन बढ़ जाता है) उसी ने आफताब व माहताब को (गोया)
तुम्हारा ताबेए बना दिया है कि एक मुक़र्रर मीयाद तक (यूँ ही) चलता रहेगा
और (क्या तूने ये भी ख़्याल न किया कि) जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब
वाकिफकार है (29)
ये (सब बातें) इस सबब से हैं कि ख़ुदा ही यक़ीनी बरहक़ (माबूद) है और उस के
सिवा जिसको लोग पुकारते हैं यक़ीनी बिल्कुल बातिल और इसमें शक नहीं कि
ख़ुदा ही आलीशान और बड़ा रुतबे वाला है (30)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अप्रैल 2024
और (ऐ रसूल) जो काफिर बन बैठे तो तुम उसके कुफ्र से कुढ़ों नही उन सबको तो हमारी तरफ लौट कर आना है तो जो कुछ उन लोगों ने किया है (उसका नतीजा) हम बता देगें बेशक ख़ुदा दिलों के राज़ से (भी) खूब वाकि़फ है
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