और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लेाग खेती को (उसी हवा की
वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फ़ौरन) नाशुक्री करने
लगें (51)
(ऐ रसूल) तुम तो (अपनी) आवाज़ न मुर्दो ही को सुना सकते हो और न बहरों को सुना सकते हो (ख़ुसूसन) जब वह पीठ फेरकर चले जाएँ (52)
और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से (फेरकर) राह पर ला सकते हो तो तुम तो
बस उन्हीं लोगों को सुना (समझा) सकते हो जो हमारी आयतों को दिल से मानें
फिर यही लोग इस्लाम लाने वाले हैं (53)
खु़दा ही तो है जिसने तुम्हें (एक निहायत) कमज़ोर चीज़ (नुत्फे) से पैदा
किया फिर उसी ने (तुम में) बचपने की कमज़ोरी के बाद (शबाब की) क़ूवत अता की
फिर उसी ने (तुममें जवानी की) क़ूवत के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा पैदा कर
दिया वह जो चाहता पैदा करता है-और वही बड़ा वाक़िफ़कार और (हर चीज़ पर) क़ाबू
रखता है (54)
और जिस दिन क़यामत बरपा होगी तो गुनाहगार लोग कसमें खाएँगें कि वह
(दुनिया में) घड़ी भर से ज़्यादा नहीं ठहरे यूँ ही लोग (दुनिया में भी)
इफ़तेरा परदाजि़याँ करते रहे (55)
और जिन लोगों को (ख़़ुदा की बारगाह से) इल्म और ईमान दिया गया है जवाब
देगें कि (हाए) तुम तो ख़ुदा की किताब के मुताबिक़ रोज़े क़यामत तक (बराबर)
ठहरे रहे फिर ये तो क़यामत का ही दिन है मगर तुम लोग तो उसका यक़ीन ही न
रखते थे (56)
तो उस दिन सरकश लोगों को न उनकी उज्र माअज़ेरत कुछ काम आएगी और न उनकी सुनवाई होगी (57)
और हमने तो इस कु़रआन में (लोगों के समझाने को) हर तरह की मिसाल बयान कर दी और अगर तुम उनके पास कोई सा मौजिज़ा ले आओ (58)
तो भी यक़ीनन कुफ़्फ़ार यही बोल उठेंगे कि तुम लोग निरे दग़ाबाज़ हो जो
लोग समझ (और इल्म) नहीं रखते उनके दिलों पर नज़र करके ख़़ुदा यूँ तसदीक़
करता है (कि ये ईमान न लाएँगें) (59)
तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है और (कहीं) ऐसा न
हो कि जो (तुम्हारी) तसदीक़ नहीं करते तुम्हें (बहका कर) ख़फ़ीफ़ करे दें
(60)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अप्रैल 2024
और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लेाग खेती को (उसी हवा की वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फ़ौरन) नाशुक्री करने लगें
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