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04 मार्च 2024

कोटा कोचिंग सिटी में कोचिंग गाइड लाइन लागू करवा पाना , कोटा स्कूलों के डमी एडमिशन रुकवाने सहित राज्य में बहतर शिक्षा सुधार कार्यक्रमों को लागू करना शिक्षा मंत्री मदन जी दिलावर के लिए एक बढ़ी चुनौती है

 

कोटा कोचिंग सिटी में कोचिंग गाइड लाइन लागू करवा पाना , कोटा स्कूलों के डमी एडमिशन रुकवाने सहित राज्य में बहतर शिक्षा सुधार कार्यक्रमों को लागू करना शिक्षा मंत्री मदन जी दिलावर के लिए एक बढ़ी चुनौती है ,,कुछ घुसपैठिये ,,,चापलूस बनकर गए तो हैं , लेकिन मदन दिलावर की कार्यशैली के आगे वोह कामयाब नहीं हो सकेंगे , मदन दिलावर बहतर शिक्षा प्रबंधन के लिए व्यवस्थाओं को लागू करवाने के प्रति सख्त है ,,, शिक्षा ट्रांसफर निति लागू करना भी उनके लिए कढ़ी चुनौती है , उर्दू, मदरसा शिक्षा, पैराटीचर्स के साथ जो विश्वासघात हुआ है उसे भी सुधारना ज़रूरी,
कोटा 4 मार्च , राजस्थान सरकार के दमदार , शिक्षा मंत्री मदन जी दिलावर के लिए कोटा कोचिंग गाइड लाइन की शत प्रतिशत पालना और स्कूलों में डमी एडमिशन सहित अन्य व्यवस्थाएं लागू करना एक बढ़ी चुनौती है , लेकिन जिस तरह से मदन दिलावर की कार्यशैली है , अगर वोह उनके आसपास के कुछ हाल ही में जुड़े , गुमराह करने वाले, मौक़ापरस्तों से दूर रहकर, चिर परिचित शैली में जो क़ानून में लिखा है उसे नियमानुसार पालना करवाते रहे , तो शिक्षा विभग में उनका यह कार्यकाल अविस्मरणीय हो जायेगा ,, क्योंकि अब तक के शिक्षा मंत्री , ट्रांसफर ,, पोस्टिंग ,, के उद्योग से बाहर नहीं निकल पाए थे , वोह ऐसा कर सकेंगे देखते हैं एक ब्रेक के बाद , मदन जी दिलावर के शिक्षा मंत्री कार्यकाल के प्रबंधन की निष्पक्ष तस्वीर , क्या हो पाती है एक ब्रेक के बाद, ,,, ,जी हाँ दोस्तों ,, कोटा के लिए गौरव की बात है , के एक तरफ तो कोटा कोचिंग गुरु है , यहां कोचिंग सिटी है , फिर कोटा से ही अब शिक्षा मंत्री के रूप में मदन दिलावर ने कार्यभार ग्रहण किया है , यद्धपि इनके पूर्व कोटा से हरी कुमार औदिच्य ,, कुछ समय के लिए शांति कुमार धारीवाल भी शिक्षा मंत्री का कार्यभार देख चुके हैं , ,, मदन दिलावर और दूसरे मंत्रियों की कार्यशैली में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है , यह फ़क़ीरी, बेबाकी, निर्भीक शैली के हैं , इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप नहीं है , इन्हे गुमराह कर गलत फैसले लेने के इनके इर्द गिर्द चापलूसों के लिए भी कोई गलत काम करवा पाना आसान नहीं है , यह बोल्ड है मेहनती है , और जो फैसला हो जाए उसे लागू करवाने के प्रति ज़िद्दी भी हैं , मदन दिलावर ने इसी फार्मूले के चलते , पदभार ग्रहण करते ही , स्कूली शिक्षा सुधार के संकल्प के साथ व्यवस्थाओं का जायज़ा लेकर, कई आदेश जारी किये है , राजस्थान में खुलकर ट्रांसफर उद्योग चला , कुछ लोग , शिक्षा विभाग में भी ट्रांसफर की साईं ले बैठे थे , लेकिन मदन दिलावर ने , बढ़ी ही चतुरता से ,, स्कूली शिक्षा परीक्षाओं का हवाला देकर, इस चुनौती को मुसीबत बनने से पहले ही रोक दिया ,, और ट्रांसफर के नाम पर जो दलालों के मुंह में पानी आया हुआ था ,वोह धरा का धरा रह गया , सभी जानते है , स्कूली अध्यापक ट्रांसफर में , कुछेक को छोड़कर , सीधा व्यापार शिक्षकों की एक दो ,माह की तनख्वाह और , लोकल डिज़ायर के बदले , ट्रांसफर उद्योग की बदनामी होती रही है , लेकिन मदन दिलावर ने ट्रांसफर रोककर , शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने और , स्कूलों के वातावरण को सुधारने के प्रयास शुरू किये ,, कोटा में कोचिंग हब है , यहां नियमित स्टूडेंट की आत्महत्या के कलंक से कोटा आहत रहा है , लगातार कोटा वासियों , प्रशासन , और सरकारों द्वारा इस मामले में सकारात्मक प्रयास चलते रहे हैं , लेकिन आत्महत्याओं की ख़ास वजह , स्टूडेंट का तनाव में रहना , निराशावाद मुख्य कारण रहे हैं , ,, कोटा कोचिंग में ,एक ही स्टूडेंड की दो जगह अवैध रूप से उपस्थिति रहती है , वोह किसी भी स्कुल में डमी स्टूडेंट रहता है , जहाँ उसकी नियमित हाज़री होती है , वोह स्कूल नहीं जाता ,. स्कूल टाइम पर , सिर्फ कोचिंग जाता है , जहां उसकी हाज़री डिजिटल होती है , ऐसे में एक स्टूडेंट एक ही वक़्त में दो जगह उपस्थित रहता है , कम उम्र के बच्चे होते है , निराशावाद में जाते हैं , ओवर लोडेड शैक्षणिक दबाव में रहते हैं , और कई बच्चे सह नहीं पाते , पंखे से लटक जाते हैं , छत से कूद जाते हैं , वगेरा वगेरा ,, लेकिन अब कोचिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी की निर्देशित गाइड लाइन आ गयी है ,, प्रत्येक कोचिंग का पंजीयन ज़रूरी है ,कोचिंग शहर में गाइड लाइन पालना के सख्त निर्देश के तहत , 16 वर्ष से कम के स्टूडेंट का प्रवेश प्रतिबंधित है, स्कूल टाइम पर कोचिंग नहीं चला सकेंगे , यानी डमी एडमिशन पर रोक है , और भी बहुत कुछ सख्तियां है , ,उलनग्घन पर 25 हज़ार फिर 1 लाख जुर्माना होगा , कोचिंग मान्यता भी रद्द होगी , सुविधाएं, सुरक्षा , गुणवत्ता देना होगी, उक्त नियम के बाद , शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के लिए कोटा के केंद्र व् राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों में डमी एडमिशन के साथ ही कोचिंग में भी उसी वक़्त पढ़ने वाले स्टूडेंट की जांच करना बहुत बढ़ी चुनौती है , आयु सीमा प्रवेश की जांच , कोचिंग व्यवस्थाओं , नियमों की पालना की जांच , स्कूलों में , डमी एडमिशन पर रोक , बहुत मुश्किल है , लेकिन असम्भव हरगिज़ नहीं , यद्धपि , हाल ही में कुछ नए लोग , कुछ पुराने लोग जो अब फिर से मदन जी के खास हुए हैं , उनके खेमें में , जो उनके कार्यालय में घुसपैंठ कर रहे हैं , कोई सलाहकार के रूप में , कोई पुराने मित्र के रूप में , कोई पुराने सहयोगी के रूप में लेकिन मदन दिलावर ,तो मदन दिलावर हैं , उनका ऐसे लोगों के झांसे में आकर नियमों के उलंग्घन पर अनदेखी करना मुश्किल है , वोह नियमों को हरगिज़ ताक में रखकर काम करने के आदतन नहीं है , ,हाल ही में मदन दिलावर ने ट्रांसफर उद्योगों पर तो रोक लगा दी ,, लेकिन स्कूलों में औचक निरीक्षण किया , डाइट में निरीक्षण किया , स्कूलों के हालात देखे , कार्यक्रमों में सेमिनारों में , सर्वेक्षण में बेहतर शिक्षा व्यस्था केसे की जाए इस पर चिंतन मंथन किया और , स्कूलों में दुराचारी , अनाचारी , राजनीति करने वाले शिक्षकों , ज़र्दा , पान गुटका , खाने वाले शिक्षकों ,,, पूजा , नमाज़ , धार्मिक कामों के नाम पर, बहानेबाज़ी करने वाले शिक्षकों को भी काफी लताड़ पिलाई ,बात सही है , स्कूल में समय पर आओ , बच्चों को पढ़ाओ , जब स्कूल के दो सो मीटर की परिधि में , ज़र्दा , पान , गुटका प्रतिबंधित है , तो स्कूल या मदरसे , पाठशाला में , खुद गुरु जी अगर यह सब करें तो शर्म की बात है , इस पर सख्ती से रोक लगना ही चाहिए , स्कूलों में , बच्चों के साथ मारपीट , उनके खिलाफ योन हिंसा की भी शिकायतें ,है नंबर बढ़ाने के नाम पर भी , शोषण की शिकायतें आम रही है , ऐसे में , ऐसे दुराचारियों के खिलाफ सख्ती से , उनकी सम्पत्ति पर बुलडोज़र का खौफ तो होना ही चाहिए , , जो शिक्षक समय पर नहीं आ रहा , स्कूल में उपस्थित रहकर भी , पढ़ाई नहीं करवा रहा , पोषाहार घोटाला कर रहा है , यूनिफॉर्म कोड ,, शिक्षा संहिता की पालना नहीं हो रही तो ज़िम्मेदारों के खिलाफ सख्ती तो होना ही चाहिए , ,लेकिन मदन दिलावर के लिए यह भी मशहूर है , के वोह बहुपक्षीय सुनवाई करते है , एक पक्षीय किसी के बहकावे में आकर , यांत्रिक तरीके से रोबोट बनकर फैसला नहीं लेते हैं , , ऐसे में स्कूलों की स्थिति , स्कूलों में शिक्षकों की समस्याएं , और झूंठी शिकायतों के खिलाफ उनका निष्पक्ष जांच के बाद ही , कोई कार्यवाही करने का चरित्र बरक़रार रहना ही चाहिए ,, , स्कूली शिक्षक , मदन जी दिलावर के शिक्षा मंत्री बनने से खुश है , क्योंकि उन्हें यक़ीन है , के अब स्कूली शिक्षकों की , तबादला निति , ईमानदारी से लागू हो सकेगी , शिक्षकों का अनावश्यक ,प्रताड़ित करने के लिए इधर उधर ट्रांसफर नहीं किया जायेगा, शिक्षकों से , एक माह दो माह के वेतन के बदले , उनके इच्छित ट्रांसफर के नाम पर दलाली हरगिज़ नहीं होगी , और कोई दलाल सक्रिय हुआ भी तो उसका मुंह काला करने में भी मदन जी दिलावर देरी नहीं करेंगे ,, स्कूली शिक्षकों को मदन जी दिलावर से उम्मीद है , के स्कूलों का आधुनिकीकरण होगा , शैक्षणिक माहोल बनाने के लिए सुविधायें होंगी , , बिना किसी पक्षपात के , भाषाई शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा ,,स्कूली शिक्षक जो गरीब की जोरू सब की भाभी वाली कहावत की तरह , हर काम में शैक्षणिक कार्य छुड़वाकर लगा दिए जाते हैं , उनके साथ इंसाफ होगा , चुनाव कार्य , बी एल ओ , प्रशिक्षण , कम्प्यूटर कोर्स , दूसरी कई काम ऐसे हैं , जो शिक्षकों से नहीं करवाए जा सकते ,, लेकिन सभी काम उन पर थोपे जाते हैं , ,मदन दिलावर अगर सख्त रहे , और शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से अलग रखा गया , स्कूलों का प्रबंधन बहतर हुआ , शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य में सुधार हुआ ,, स्टूडेंट नियमित उपस्थित रहे , तो राजस्थान का शिक्षा का स्तर सर्वोपरि होगा , यहां मेरिटोरियस बच्चे होंगे ,, जो आगे देश के भविष्य को बहतर बनाने के लिए सहयोगी होंगे ,, ,हाल ही में पंद्रह सूत्रीय कार्यकम्र के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी के पंद्रह सूत्रीय कार्यकम्र के तहत मदन दिलावर के शिक्षा विभाग ने , ,उर्दू , सिंधी , पँजाबी , भाषाओं के बच्चों के नामांकन , उनकी छात्रवृत्ति , जागरूकता कार्य्रकम के लिए विशेष दिशा निर्देश दिए है ,,,, मदन दिलावर के नेतृत्व में स्कूली शिक्षा के अलावा , संकूल शिक्षा जिसमे प्राथमिक शिक्षा ,आंगनबाड़ी , नवोदय विधयालय , मदरसा शिक्षा के प्रबंधन में भी सख्ती तो रहेगी , लेकिन गुणवत्ता में सुधार भी होगा ,,,, मदन दिलावर के खिलाफ कुछ लोग , नफरत का माहौल बना रहे है ऐसी शिकायतें भी हैं ,, स्कूल हो , मदरसा हो , संस्कृत महाविद्यालय हो , नवोदय स्कूल हों , कोचिंग हों , अगर वहां मदन दिलावर नियमों की पालना की बात करते हैं , ,नियमों की पालना नहीं करने वालों को दंडित करने की बात करते हैं , तो वोह क्या गलत करते हैं ,,, यह सवाल भी आम लोगों का ऐसे इलज़ाम लगाने वालों से है , उनका कहना है , के शिक्षा मंत्री राजधर्म से जुड़े है , वोह व्यवस्थाएं सुधारने आये है , राजस्थान का शैक्षणिक भविष्य मज़बूत करने आये है , ,शैक्षणिक सुशासन करने आये है , ,ट्रांसफर उद्योग करने , या टीचर्स को प्रताड़ित करने नहीं आये , उन्हें उनके कर्तव्यों को याद दिलाकर उनकी पालना करवाने आये हैं , ऐसे में एक उनकी ही पार्टी का खास गुट ,, शायद उनसे नाराज़ भी हों , लेकिन मदन दिलावर ऐसे मामलों की परवाह भी नहीं करते ,, शिक्षकों के सभी संघ , संगठनों ,, को एक जुट होकर, एक राय होकर ,, शिक्षा में कैसे सुधार हों , शैक्षणिक वातावरण कैसे सुधारा जाए , शिक्षकों की क्या क्या समस्याएं हैं , उर्दू,मदरसा शिक्षा, पैरा टीचर्स के साथ हुए पूर्व विश्वासघात में भी सुधार किस तरह से हो, किन शिक्षकों पर बिना सुनवाई के अत्याचार हुआ है , झूंठी और फ़र्ज़ी शिकायतों को आधार बनाकर उनके साथ ना इंसाफ़ी हुई है , साज़िश हुई है , उनकी बहाली होना चाहिए, ट्रांसफर निति कैसे बहतर बन सकती है , कोचिंगों में स्कूलों के दोहरे डमी एडमिशन को कैसे रोका जा सकता है , शिक्षकों को , गैर शैक्षणिक कार्यों से कैसे विरत रखकर बहतर शिक्षण प्रबंधन हो ,, इसके लिए विचार कर एक बहतर फार्मूला उन्हें देना चाहिए , ताकि वक़्त रहते , बहतर से बहतर शैक्षणिक माहौल बनाया सा सके, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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