आपका-अख्तर खान

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31 मार्च 2024

वो मोहब्बत भी तेरी थी

 

वो मोहब्बत भी तेरी थी
वो शरारत भी तेरी थी.....
अगर कुछ बेवफाई थी
तो वो बेवफाई भी तेरी थी.....
हम छोड़ गये तेरा शहर
तो वो हिदायत भी तेरी थी.....
आख़िर करते तो भी
किस्से करते तेरी शिकायत......
वो शहर भी तेरा था
वो अदालत भी तेरी थी.....

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