बेशक जिन लोगों ने झूठी तोहमत लगायी वह तुम्ही में से एक गिरोह है तुम अपने
हक़ में इस तोहमत को बड़ा न समझो बल्कि ये तुम्हारे हक़ में बेहतर है
इनमें से जिस शख़्स ने जितना गुनाह समेटा वह उस (की सज़ा) को खुद भुगतेगा
और उनमें से जिस शख़्स ने तोहमत का बड़ा हिस्सा लिया उसके लिए बड़ी (सख़्त)
सज़ा होगी (11)
और जब तुम लोगो ने उसको सुना था तो उसी वक़्त इमानदार मर्दों और इमानदार
औरतों ने अपने लोगों पर भलाई का गुमान क्यो न किया और ये क्यों न बोल उठे
कि ये तो खुला हुआ बोहतान है (12)
और जिन लोगों ने तोहमत लगायी थी अपने दावे के सुबूत में चार गवाह क्यों न
पेश किए फिर जब इन लोगों ने गवाह न पेश किये तो ख़ुदा के नज़दीक यही लोग
झूठे हैं (13)
और अगर तुम लोगों पर दुनिया और आखि़रत में ख़ुदा का फज़ल (व करम) और उसकी
रहमत न होती तो जिस बात का तुम लोगों ने चर्चा किया था उस की वजह से तुम
पर कोई बड़ा (सख़्त) अज़ाब आ पहुँचता (14)
कि तुम अपनी ज़बानों से इसको एक दूसरे से बयान करने लगे और अपने मुँह से
ऐसी बात कहते थे जिसका तुम्हें इल्म व यक़ीन न था (और लुत्फ़ ये है कि)
तुमने इसको एक आसान बात समझी थी हालांकि वह ख़ुदा के नज़दीक बड़ी सख़्त बात
थी (15)
और जब तुमने ऐसी बात सुनी थी तो तुमने लोगों से क्यों न कह दिया कि हमको
ऐसी बात मुँह से निकालनी मुनासिब नहीं सुबहान अल्लाह ये बड़ा भारी बोहतान
है (16)
ख़ुदा तुम्हारी नसीहत करता है कि अगर तुम सच्चे इमानदार हो तो ख़बरदार फिर कभी ऐसा न करना (17)
और ख़ुदा तुम से (अपने) एहकाम साफ साफ बयान करता है और ख़ुदा तो बड़ा वाकि़फकार हकीम है (18)
जो लोग ये चाहते हैं कि इमानदारों में बदकारी का चर्चा फैल जाए बेशक उनके
लिए दुनिया और आखि़रत में दर्दनाक अज़ाब है और ख़ुदा (असल हाल को) ख़ूब
जानता है और तुम लोग नहीं जानते हो (19)
और अगर ये बात न होती कि तुम पर ख़ुदा का फ़ज़ल (व करम) और उसकी रहमत से
और ये कि ख़ुदा (अपने बन्दों पर) बड़ा शफीक़ मेहरबान है (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 फ़रवरी 2024
बेशक जिन लोगों ने झूठी तोहमत लगायी वह तुम्ही में से एक गिरोह है तुम अपने हक़ में इस तोहमत को बड़ा न समझो बल्कि ये तुम्हारे हक़ में बेहतर है इनमें से जिस शख़्स ने जितना गुनाह समेटा वह उस (की सज़ा) को खुद भुगतेगा और उनमें से जिस शख़्स ने तोहमत का बड़ा हिस्सा लिया उसके लिए बड़ी (सख़्त) सज़ा होगी
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