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19 फ़रवरी 2024

जब हमारे रास्ते ही अलग हो गए शहर बदला,नाम बदला,रिश्ता बदला

 

चाहा था जिसे मैंने कभी
जानती थी चाहता है वो भी
मगर ना मैं कह सकी
और ना ही वो कह सका
मुलाकातें भी थी हमारी अधूरी
तड़पते रहे देखने को एक दूजे को
लेकिन वो वक्त कभी आया ही नहीं
रह गए हम तड़पते एक दूजे से बिन मिले
और फिर क्या,एक वक्त ऐसा आया
जब हमारे रास्ते ही अलग हो गए
शहर बदला,नाम बदला,रिश्ता बदला
मगर एहसास,वो नहीं बदला
रहा जहन में मेरे वो हमेशा
नहीं पता था कहां वो है रहता
फिर भी दिल है उससे मिलने को करता
उसकी ना होकर भी उसी की थी
बस किसी और के घर रह रही थी
रिश्ता जोड़कर भी किसी और से
उससे नहीं तोड़ पा रही थी
अजब सी जिंदगी हो गई थी
ना यहां की हो रही थी
और ना उसे भूल पा रही थी
काश,काश कि वो वक्त लौट आए
हम दोनों एक बार मिल पाए
कहें वो सारी बातें तमाम
जो उस वक्त नहीं हो पाई
काश, काश कि वो वक्त लौट आए
हम एक बार.............

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