सूरए अल हज मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी अठहत्तर आयते हैं।
खु़दा के नाम से शुरू करता हूँ जो बड़ा रहम वाला निहायत मेहरबान है
ऐ लोगों अपने परवरदिगार से डरते रहो (क्योंकि) क़यामत का ज़लज़ला (कोई मामूली नहीं) एक बड़ी (सख़्त) चीज़ है (1)
जिस दिन तुम उसे देख लोगे तो हर दूध पिलाने वाली (डर के मारे) अपने दूध
पीते (बच्चे) को भूल जायेगी और सारी हामला औरते अपने-अपने हमल (दैहशत से)
गिरा देगी और (घबराहट में) लोग तुझे मतवाले मालूम होंगे हालाँकि वह मतवाले
नहीं हैं बल्कि खु़दा का अज़ाब बहुत सख़्त है कि लोग बदहवास हो रहे हैं
(2)
और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बग़ैर जाने खु़दा के बारे में (ख़्वाहम ख़्वाह) झगड़ते हैं और हर सरकश शैतान के पीछे हो लेते हैं (3)
जिन (की पेशानी) के ऊपर (ख़ते तक़दीर से) लिखा जा चुका है कि जिसने उससे
दोस्ती की हो तो ये यक़ीनन उसे गुमराह करके छोड़ेगा और दोज़क़ के अज़ाब तक
पहुँचा देगा (4)
लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो
इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से
उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल) हो या अधूरा हो
पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कु़दरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा
जि़न्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को
चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर
निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और
तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम
में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा जि़न्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए जाते हैं
ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सकें और तो ज़मीन को
मुर्दा (बेकार उफ़तदाह) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो
लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ु़शनुमा चीज़ें उगती है तो ये
क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो (5)
कि बेशक खु़दा बरहक़ है और (ये भी कि) बेशक वही मुर्दों को जिलाता है और वह यक़ीनन हर चीज़ पर क़ादिर है (6)
और क़यामत यक़ीनन आने वाली है इसमें कोई शक नहीं और बेशक जो लोग क़ब्रों में हैं उनको खु़दा दोबारा जि़न्दा करेगा (7)
और लोगों में से कुछ ऐसे भी है जो बेजाने बूझे बे हिदायत पाए बगै़र रौशन
किताब के (जो उसे राह बताए) खु़दा की आयतों से मुँह मोड़े (8)
(ख़्वाहम ख़्वाह) खु़दा के बारे में लड़ने मरने पर तैयार है ताकि (लोगों
को) ख़ुदा की राह से बहका दे ऐसे (ना बुकार) के लिए दुनिया में (भी) रूसवाई
है और क़यामत के दिन (भी) हम उसे जहन्नुम के अज़ाब (का मज़ा) चखाएँगे (9)
और उस वक़्त उससे कहा जाएगा कि ये उन आमाल की सज़ा है जो तेरे हाथों ने
पहले से किए हैं और बेशक खु़दा बन्दों पर हरगिज़ जु़ल्म नहीं करता (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जनवरी 2024
ख़्वाहम ख़्वाह) खु़दा के बारे में लड़ने मरने पर तैयार है ताकि (लोगों को) ख़ुदा की राह से बहका दे ऐसे (ना बुकार) के लिए दुनिया में (भी) रूसवाई है और क़यामत के दिन (भी) हम उसे जहन्नुम के अज़ाब (का मज़ा) चखाएँगे
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