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30 जनवरी 2024

कोटा कोचिंग छात्र छात्राओं को आत्महत्या से बचाने के लिये , केंद्र, राज्य सरकार और हाईकोर्ट निर्मित गाइड लाइन बे असर, राजस्थान हाईकोर्ट सख्त, 15 फरवरी तक तालिका बनाकर रिपोर्ट देने के निर्देश

 

कोटा कोचिंग छात्र छात्राओं को आत्महत्या से बचाने के लिये , केंद्र, राज्य सरकार और हाईकोर्ट निर्मित गाइड लाइन बे असर, राजस्थान हाईकोर्ट सख्त, 15 फरवरी तक तालिका बनाकर रिपोर्ट देने के निर्देश
कोटा 30 जनवरी, कोटा कोचिंग सिटी में निरन्तर आत्महत्या कर रहे छात्र छात्राओं की ज़िंदगी बचाने की मशक़्क़त को लेकर केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार, राजस्थान हाईकोर्ट चिंतित है, लेकिन लाख सख्ती के बाद भी , ऊंचे रसुकात वाले बढ़े कोचिंग संस्थान बच्चों के हक़ में , बच्चों की स्कूल शिक्षा छुड़वाकर कोचिंग की दोहरी हाज़री मामले में स्कूल के बाद कोचिंग व्यवस्था को लेकर कोई क़दम नहीं उठा पाए है, नतीजा सामने है, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में 10 जनवरी 2024 को सुनवाई के वक़्त गाइडलाइन की पालना रिपोर्ट नहीं होने पर सख्ती दिखाते हुए , हर गाइडलाइन की पालना के मामले में तालिका बनाकर आगामी 15 फरवरी तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं, हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद भी कोटा में नहीं थमा कोचिंग छात्र की आत्म हत्या का सिलसिला, कोटा ,, सीकर कोचिंग में छात्र छात्राओं की आत्महत्या रोकने की प्रभावी गाइड लाइन पर , राजस्थान हाईकोर्ट , सरकार , जिला प्रशासन , विशेषज्ञ , सात सालों से कर रहे हैं , मशक़्क़त , गाइड लाइन भी बनी , ,आवश्यक सख्त दिशा निर्देश भी हाईकोर्ट ने जारी किये , कोशिशें भी हुईं , लेकिन आत्महत्या की बीमारी अभी खत्म नहीं हुई , ,मिडिया को , हाईकोर्ट की सुनवाई , और आदेश की हर खबर प्रकाशित कर, जनता , अभिभावक , छात्रों को , सजग सतर्क करना ही ,चाहिए ,
और सीकर , कोचिंग हब में , वर्ष 2011 से निरंतर हो रही , कोचिंग छात्र छात्राओं की आत्महत्या मामले में , राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में सो मोटो , यानी स्व प्रेरित प्रसंज्ञान लेकर , आत्महत्या की रोकथाम के प्रयास करते हुए , अलग अलग तारीखों में ,आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये हैं , लेकिन अफ़सोस , इस मामले में , आत्महत्या रोकने को लेकर , कोई प्रभावी क़दम नहीं उठाये जा सके हैं , हालात यह हैं , के उक्त सुनवाई और आदेश मामले में ,मिडिया भी , खामोश रहकर तमाशा देखता है ,, और उक्त सुनवाई में दिए गए आदेशों को , मीडिया ने आम जनता से सांझा भी नहीं किये है ,, हाल ही में , 22 अगस्त को हाईकोर्ट ,ने ,अब सी बी एस ई , राज्य शिक्षा बोर्ड , को भी अप्रार्थी के रूप में पक्षकार बनाने के आदेश देते हुए , स्कूली शिक्षा और , कोचिंग डमी सहित अन्य मामलों में प्रश्नावली बनवाकर , छात्रों की व्यवस्था, विचार पर रिपोर्ट तलब की थी,,
कोटा और सीकर कोचिंग हब , में छात्र छात्रों की आत्महत्या रोकथाम मामले में , , राजस्थान , सरकार , कोचिंग मालिकों को , आवश्यक दिशा निर्देश देने की मांग , को लेकर , वर्ष 2013 में एक जनहित याचिका 1391 / 2013 पेश की थी , इसी दौरान , वर्ष 2016 में लगातार आत्महत्याओं की खबरों को देखकर, खुद , माननीय उच्च न्यायालय ने स्व प्रेरित सो मोटो संज्ञान लेते हुए , राजस्थान सरकार और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर, आत्महत्याएं रोकने के लिए , गाइड लाइन जारी करने , और आत्महत्याएं रोकने के प्रयासों के लिए सुनवाई शुरू की थी , , अब तक इन सात सालों में 62 प्रभावी सुनवाई के बाद , आधा दर्जन से भी ज़्यादा गाइड लाइन बनाने के मामले और आत्महत्या रोकने के सुझावों को लेकर आदेश हो चुके हैं , यह सुनवाई अभी भी निर्बाध जारी है , लेकिन हाईकोर्ट के इन आदेशों , हाईकोर्ट के निर्देशों , के मामले में , अख़बार , मीडिया ,न्यूज़ चेनल्स चुप है , एक , जननायक, अख़बार सहित कुछ दैनिक अख़बारों ने इस मामले में आवाज़ ज़रूर उठाई है , लेकिन वोह कोचिंग गुरुओं के दो अलग अलग शहरों में , छात्र छात्राओं की आत्महत्या को रोकने में कामयाब नहीं हो सके हैं , , 18 अगस्त 2016 को कोचिंग छात्रों की आत्महत्या मामले में, सुनवाई के वक़्त , सो मोटो संज्ञान लेकर, हाईकोर्ट ने , सरकार के संबंधित अधिकारियों के अलावा क्रम 6 से 19 तक कोचिंग संस्थानों को , अप्रार्थी के रूप में पक्षकार बनाकर , उनसे जवाब तलब किया ,, आगामी सुनवाई 13 जुलाई 2016 की सुनवाई के दौरान , पूर्व में प्रस्तुत याचिका को भी,, इसी सो मोटो संज्ञान याचिका में शामिल कर , एक साथ सुनवाई करते हुए , 23 अगस्त 2016 को सुनवाई करते हुए , 22 अगस्त 2016 को मुख्यमंत्री की बैठक में आत्महत्या रोकने के लिए प्रोफेशनल एजेंसी को हायर कर , आत्महत्या रोकने के प्रयासों के सुझावों के साथ एक माह में रिपोर्ट देने के लिए समय माँगा , जबकि , हाईकोर्ट ने , अपने निर्देशों में ,सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश और बाल कल्याण आयोग के सुझाव , रिपोर्ट जो प्रिंसिपल सेक्रेटरी को दिए थे , वोह भी शामिल करने के निर्देश देते हुए , सुझाव देने के निर्देश दिए ,, 17 जुलाई 2017 की सुनवाई में कोई नतीजा नहीं निकलने पर , आवश्यक दिशा निर्देश दिए , बार बार तारीखों और निर्देशों के ,बाद जब कोचिंग छात्र छात्राओं की आत्महत्या रोकने के मामले में , सरकार , अधिकारी , स्थानीय प्रशासन , कोचिंग , असफल साबित हुए , तो हाईकोर्ट ने सुनवाई के वक़्त , 9 अक्टूबर 2017 को शीघ्र सुझावों के साथ, कोचिंग गाइड लाइन ,बनाने की चेतावनी के साथ आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये ,, संयुक्त सुझावों के बाद , विस्तृत सुनवाई करते हुए , खुद माननीय हाईकोर्ट ने , चिंतन ,मंथन किया, और तय शुदा तारीख 6 फरवरी 2018 को विस्तृत , बिंदुवार एक आदेश जारी करते हुए , रिपोर्ट को लागू करने के सख्त निर्देश दिए , उक्त निर्देशों में , कोचिंग गुरुओं द्वारा , , अख़बारों , मीडिया के माध्यम से विज्ञापनों और खबरों के ,ज़रिये जो आकर्षण पैदा कर, छात्रों को सब्ज़ बाग़ दिखाए जाते हैं , और छात्र छात्राये , उनके अभिभावक आकर्षित होकर, प्रवेश ले लेते हैं , ऐसे में वोह कम्पटीटीशन के नाम पर , निराशा के नाम ,पर असहयोग के नाम पर , गंदगी , स्थानीय मुद्दों के नाम पर, आर्थिक परेशानी , और बीमारी वगेरा के नाम पर डिप्रेशन में होकर, आत्महत्या नहीं करने , इसके लिए , सभी कोचिंग ,को जिला प्रशासन ,, ,पुलिस बाल कल्याण आयोग के दिशा निर्देशों की पालना करने के निर्देश दिए गए, कोचिंगों को छात्र छात्रों के परिणामों ,को सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करने,, प्रवेश के वक़्त ,कॉम्पिटिशन , मेरिट के आधार पर प्रवेश देने , बच्चों को हॉस्टल में साफ सफाई व्यवस्था ,रखने ,, प्रदूषण मुक्त माहौल देने, कॉमन फेसिलिटीज , जैसे , साफ़ सफाई , नॉइस प्रदूषण मुक्ति , अनावश्यक पढ़ाई के दबाव से मुक्ति , रविवार पूरी तरह अवकाश , अवकाश के दिन कोई टेस्ट नहीं , पृथक से स्टूडेंट थाना खोलने , सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों की तैनातगी , पुलिस हेल्प डेस्क , कलेक्ट्रेट स्तर पर, संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए , हेल्पडेस्क , चिकित्सा जांच , मनोवैज्ञानिक मोटिवेशन , मनोचिकित्स्क जांच , मानसिक दबाव के वक़्त , उन्हें मनोरंजन के साथ पढ़ाई के टिप्स , प्रवेश के बाद , अभिभावकों की उपस्थिति में ओरियंटेशन कार्यक्रम , स्टूडेंट डेस्क खोलने , होस्टल्स में , खाने पर अनुपस्थित रहने पर , अभिभावकों से सम्पर्क करने , दो दिन तक कोचिंग में अनुपस्थित रहने पर पढाने वाले टीचर को अनुपस्थित स्टूडेंट के निवास पर जाकर जानकारी करने की शर्त शामिल थी , हर कोचिंग में , खेल कूद , मनोरजन के माहौल ,, मनोवैज्ञानिक मोटिवेशनल रखने के निर्देश , अनावश्यक दबाव से स्टूडेंट्स को बचाकर रखना , ज़िला प्रशासन के लिए निर्देश थे , निर्देशों में स्थानीय ट्रानस्पोर्टेशन ,, शिक्षण व्यवस्था , हॉस्टल सुविधा , फीस वगेरा हड़पने पर वापस दिलाने के नियम , हॉस्टल किराया वगेरा की वापसी , शहर के माहौल पर चौकसी रखने , जैसे निर्देश शामिल थे , ,जबकि शोर शराबे से मुक्ति भरा माहौल , शहर में स्ट्रीट डॉग्स , सूअर , जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के भी निर्देश शामिल रहे हैं ,, 6 फरवरी की इस विस्तृत गाइड लाइन कहो , हाईकोर्ट के आदेश , निर्देश कहो , पालना ही नहीं किये गए , कोचिंगों में वीकली ऑफ़ और कम्पीटिशन भाव , गधे घोड़ों के एडमिशन व्यवस्था में , मेरिट एडमिशन नियम तो दूर की बात, त्योहारों का भी अवकाश नहीं दिया गया ,, स्ट्रीट डॉग रोज़ छात्रों के लिए मुसीबत बने रहे , गंदगी के ढेर , बीमारी के वक़्त , उनकी देखरेख प्रॉपर नहीं होने की शिकायतें आम रहीं , ,होस्टल्स की वसूली , कोचिंग की फ़ीस वापसी नियमों की अनदेखी , नियमित चलती रही है , शहर में ऑटो , वगेरा की किराया लूट सभी जानते हैं , , फिर 12 अप्रेल 2019 को 23 जनवरी 2019 के दिशा निर्देश लागू करने , 29 अगस्त 2019 चाइल्ड राइट कमीशन के 17 सदस्यों की समिति , के निर्देश थे , जबकि उक्त गाइड लाइन में संशोधन के लिए कोटा के एलेन कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरफ से , प्रार्थना पत्र पेश हुआ , जिसे माननीय हाईकोर्ट ने , सुनवाई के बाद , रिजेक्ट कर दिया , सरकार ने चिंतन मंथन के बाद , कोचिंग और छात्र छात्रों के मामले में , एक गाइड लाइन तय्यार कर 9 नवम्बर 2022 को तय्यार कर 10 जनवरी 2023 को इस कोचिंग गाइडलाइन को ,विधानसभा में पारित करने की जानकारी दी , इन सब के बावजूद भी , कोचिंग छात्र छात्राओं की आत्महत्याओं में कमी नहीं होने पर, हायकोर्ट ने 20 फरवरी 2023 को 11 नवम्बर 2022 की गाइड लाइन मामले में , कोटा , सीकर के ज़िला कलेक्टर्स , पुलिस अधीक्षक , प्रिंसिपल सेक्रेटरी , मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को , व्यक्तिगत उपस्थित रहकर हाईकोर्ट में अपना पक्ष , रखने के लिए तलब किया ,, बार बार आदेश हुए , निगरानी हुई , आवश्यक निर्देश जारी हुए , सुझाव लिए गए , चिंतन मंथन हुआ ,फिर मेरे द्वारा भी ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव की हैसियत से , हाईकोर्ट में , आत्महत्या करने वाले छात्र छात्राओं के आत्महत्या के पीछे के कारणों की , विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तलब करने , और एक ही छात्र की , डमी एडमिशन के नाम ,पर स्कूल की क्लास और , कोचिंग में एडमिशन की शिकायत की , एक स्टूडेंट दो जगह कैसे उपस्थित रह सकता है , जबकि स्कूलों में , मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हे पढ़ाई का बोझ डाला जाता है , इधर कोचिंग में , दबाव की पढ़ाई के दौरान , मशीन की तरह से , एक ही बढे क्लास रूम में , पढ़ाई होती है , पढ़ाने वाले , बाल मनोविज्ञान शिक्षा के जानकार नहीं होते हैं , हाईकोर्ट ने हाल ही ,में 22 अगस्त 2023 की सुनवाई के दौरान , इन मुद्दों पर , केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा सचिव , केंद्रीय सचिव , राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव , राजस्थान सरकर के सचिव को पक्षकार बनाने के आदेश देते हुए , उनसे भी जवाब तलब किया था, हाईकोर्ट ने , उक्त सभी अप्रार्थी को , अप्रार्थी क्रम संख्या 21 लगायत 24 पर जोड़ने के निर्देश दिए हैं , , सोचने की बात यह हैं , के हायकोर्ट , बाल कल्याण आयोग , बालकल्याण राष्ट्रिय आयोग , उनकी समिति , जिला कलेक्टर , जिला पुलिस अधीक्षक , मनोवैज्ञानिक , स्कूल , कोचिंग सहित सभी विशेषज्ञ द्वारा , इस मामले ,में सात साल के इस सुनवाई के सफर में भरपूर प्रयास किया है , कोचिंग गाइड लाइन बनी , गाइड लाइन , विधानसभा में पेश हुई , मुख्यमंत्री स्तर पर , हर सरकार में बैठकें हुईं , लेकिन आत्महत्या की कहानी जस की तस बनी है , , कोटा के अख़बार , मीडिया ने इस सात साल के इस सफर की गाइड लाइन , सुनवाई की कोई भी खबर , विधानसभा गाइड लाईन के अलावा , प्रकाशित क्यों नहीं की , जनता को अँधेरे में क्यों रखा किसी के पास जवाब नहीं है , जबकि हर अख़बार का लिगल रिपोर्टर , हर चैनल का लीगल रिपोर्टर उपस्थित रहकर, अपनी खबर मालिकों तक पहुंचाता रहा है , ,अब उक्त सुनवाई में , आगामी पेशी 15 फरवरी 2024 है, देखते हैं , केंद्रीय और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा से जुड़े लोग , अपने नए संशोधित सुझाव और एक ही छात्र के स्कूल में डमी एडमिशन के साथ कोचिंग में नियमित एडमिशन , दोहरे एडमिशन की फोर्जरी पर , रिपोर्ट , तालिका के साथ सुझाव, पालना के प्रयास क्या आते हैं , इस बीच केंद्र सरकार की गाइड लाइन भी आई है, जबकि नव नियुक्त कलेक्टर डॉक्टर रवि गोस्वामी खुद कोटा कोचिंग छात्र रह चुके हैं वोह भी मोटिवेशनल सकारात्मक प्रयासों में जुटे हैं, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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