और ख़ुदा ही ने तुम्हारे आराम के लिए अपनी पैदा की हुई चीज़ों के साए
बनाए और उसी ने तुम्हारे (छिपने बैठने) के वास्ते पहाड़ों में घरौन्दे
(ग़ार वग़ैरह) बनाए और उसी ने तुम्हारे लिए कपड़े बनाए जो तुम्हें (सर्दी)
गर्मी से महफूज़ रखें और (लोहे) के कुर्ते जो तुम्हें हाथियों की ज़द (मार)
से बचा लें यूँ ख़ुदा अपनी नेअमत तुम पर पूरी करता है (81)
तुम उसकी फरमाबरदारी करो उस पर भी अगर ये लोग (इमान से) मुँह फेरे तो तुम्हारा फर्ज़ सिर्फ (एहकाम का) साफ पहुँचा देना है (82)
(बस) ये लोग ख़ुदा की नेअमतों को पहचानते हैं फिर (जानबुझ कर) उनसे मुकर जाते हैं और इन्हीं में से बहुतेरे नाशुक्रे हैं (83)
और जिस दिन हम एक उम्मत में से (उसके पैग़म्बरों को) गवाह बनाकर क़ब्रों
से उठा खड़ा करेगे फिर तो काफिरों को न (बात करने की) इजाज़त दी जाएगी और न
उनका उज्र (जवाब) ही सुना जाएगा (84)
और जिन लोगों ने (दुनिया में) शरारतें की थी जब वह अज़ाब को देख लेगें तो
उनके अज़ाब ही में तख़फ़ीफ़ की जाएगी और न उनको मोहलत ही दी जाएगी (85)
और जिन लोगों ने दुनिया में ख़ुदा का शरीक (दूसरे को) ठहराया था जब अपने
(उन) शरीकों को (क़यामत में) देखेंगे तो बोल उठेगें कि ऐ हमारे परवरदिगार
यही तो हमारे शरीक हैं जिन्हें हम (मुसीबत) के वक़्त तुझे छोड़ कर पुकारा
करते थे तो वह शरीक उन्हीं की तरफ बात को फेंक मारेगें कि तुम निरे झूठे हो
(86)
और उस दिन ख़ुदा के सामने सर झुका देंगे और जो इफ़तेरा परदाजि़याँ दुनिया में किया करते थे उनसे गायब हो जाएँगें (87)
जिन लोगों ने कुफ्र एख़्तेयार किया और लोगों को ख़ुदा की राह से रोका
उनके फ़साद वाले कामों के बदले में उनके लिए हम अज़ाब पर अज़ाब बढ़ाते
जाएँगें (88)
और वह दिन याद करो जिस दिन हम हर एक गिरोह में से उन्हीं में का एक गवाह
उनके मुक़ाबिल ला खड़ा करेगें और (ऐ रसूल) तुम को उन लोगों पर (उनके) सामने
गवाह बनाकर ला खड़ा करेंगें और हमने तुम पर किताब (क़ुरान) नाजि़ल की
जिसमें हर चीज़ का (शाफी) बयान है और मुसलमानों के लिए (सरमापा) हिदायत और
रहमत और खुशख़बरी है (89)
इसमें शक नहीं कि ख़ुदा इन्साफ और (लोगों के साथ) नेकी करने और
क़राबतदारों को (कुछ) देने का हुक्म करता है और बदकारी और नाशएस्ता हरकतों
और सरकशी करने को मना करता है (और) तुम्हें नसीहत करता है ताकि तुम नसीहत
हासिल करो (90)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 नवंबर 2023
और जिस दिन हम एक उम्मत में से (उसके पैग़म्बरों को) गवाह बनाकर क़ब्रों से उठा खड़ा करेगे फिर तो काफिरों को न (बात करने की) इजाज़त दी जाएगी और न उनका उज्र (जवाब) ही सुना जाएगा
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