कोरोना काल में अचानक चले जाने वाले स्वर्गीय पिता का बेटी को लेचरर बनाने के सपने को खुद बेटी सबा नाज़ ने कढ़ी महनत , लगन के साथ पूरी करते हुए , केंद्रीय विद्यालय बेंगलोर में , कार्यभार ग्रहण किया ,, सबा नाज़ को बधाई ,
के डी अब्बासी
कोटा 14 नवम्बर , एक बेटी सबा नाज़ ने अपने स्वर्गीय पिता अख्तर हुसैन के सपने को पूरा करने के लिए , ,बेटी सबा ने पिता के इच्छानुसार महनत की , कोशिश की , और आज वोह सेंट्रल स्कूल बेंगलोर में केमिस्ट्री की लेक्चरर बनकर अपनी सेवायें दे रही हैं , जब सबा नाज़ ने स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया तो पिता के सपने की क्रियान्वित के वक़्त वोह भाव विहल हो उठी , ,उनकी मम्मी नाज़िमा अख्तर ने उन्हें ढांढस बँधाकर शांत किया ,,
बेटी सबा नाज़ एम एस सी नर्सिंग जयपुर एस एम एस से कर रही थीं , लेकिन सबा नाज़ के स्वर्गीय पिता ने उनके जीवन काल में , बेटी सबा को , केमिस्ट्री की स्कूल लेचररर बनने के लिए प्रेरित किया ,, और एम एस सी केमिस्ट्री में करने की इच्छा जताई , ,इसी दौरान , कोरोना काल हुआ ,और इस कमबख्त कोरोना , ने सबा नाज़ के पिता सय्यद अख्तर हुसैन जो , बूंदी कलेक्ट्रेट से सहायक निदेशक , सांख्यिकी पद से तात्कालिक सेवानिवृत हुए थे , उन्हें कोरोना हुआ ,और जयपुर स्थित एक चिकित्सालय में इलाज में लापरवाही के चलते उनका आस्कमिक निधन हो गया , बेटी सबा नाज़ ने हिम्मत नहीं छोड़ी , उसने पिता के सपने को पूरा करने के लिए , एम एस सी केमिस्ट्री में एडमिशन लिया , और जयपुर यूनिवर्सिटी की टॉपर रहीं , फिर उन्होंने बी ऐड किया इसी बीच सबा नाज़ ने नेट की परीक्षा पास की , फिर केंद्रीय विद्यालय भर्ती प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया , पश्चिमी बंगाल उनका इंटरविव ,हुआ और फिर राजस्थान की एक मात्र प्रतिभावांन केमिस्ट्री एम एस सी में टॉपर रही , सबा नाज़ को , केंद्रीय विद्यालय साक्षात्कार के बाद , मेरिटोरियस होने से , केमिस्ट्री लेचरर पद पर , नियुक्त कर , बेंगलोर सिटी सेंट्रल स्कूल में नियुक्त किया गया , ,सबा नाज़ को पता है , अभी जहाँ और भी हैं , लेकिन उन्हें , अपने स्वर्गीय पिता की इच्छा पूरी करना थी , इसलिए पिता सय्यद अख्तर हुसैन की इच्छानुसार बेटी सबा नाज़ ,ने बेंगलोर केंद्रीय विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया है , सबा नाज़ बूंदी में सेकेंडरी , हायर सेकेंडरी ,, बी एस सी में भी स्कूल और कॉलेज स्तर पर टॉपर रही हैं ,,,सबा नाज़ की बहतरीन सुरीली आवाज़ , रिधम ,, उतार चढ़ाव होने से वोह बेस्ट फेमिली सिंगर भी हैं , लेकिन जुगल जोड़ी में उन्होंने सिर्फ अपने स्वर्गिय पिता श्री अख्तर हुसैन के साथ ही , शामिलात गीत ,ग़ज़ल का गायन किया है , सबा नाज़ अपनी इस कामयाबी के पीछे , अपनी माँ नाज़िमा अख्तर जो खुद भी उर्दू की लेचरर हैं , उनके साथ , अपने ताया ,, बढ़े पापा उनके परिवार , अपने परिवार बढ़ी बहन ,, को देते हुए कहती है , ,के जब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टुटा था , उनके कोई भाई नहीं था , तब , उक्त सभी परिजनों ने उन्हें हिम्मत दिलाई , मम्मी ने बढ़ी बहन अनम बाजी ने , पापा की इच्छा की याद बनाये रखी , सबा कहती है मेने तो कोशिश की है , लेकिन मेरी मम्मी नाज़िमा अख्तर ने ,, मुझे इस कोशिश को कामयाब करने में हर तरह की मदद की है , में अल्लाह का शुक्र अदा करती हूँ , और खुदा से दुआ करती हूँ , के अललाह मेरे वालिद को जन्नतुल फिरदोस में आला मुक़ाम अता फरमाए , सबा नाज़ अभी आगे पी एच डी करना चाहती है , वोह पापा की इच्छा को पूरी करने के साथ ही , अब पी एच डी और उच्च अध्ययन के साथ , आगे और इसी क्षेत्र में कोशिश करती रहेंगीं , ,बेटी सबा नाज़ को उनके बढे पापा एडवोकेट सय्यद अफ़ज़ाल हुसैन ,, इक़बाल खान , चाचा ज़ाहिद हुसैन , मामा परवेज़ खान ,, मौसा डॉक्टर अनीस अहमद सिद्दीक़ी ने , दुआओं से नवाज़ते हुए , मुबारकबाद दी है , बधाई दी है ,
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 नवंबर 2023
कोरोना काल में अचानक चले जाने वाले स्वर्गीय पिता का बेटी को लेचरर बनाने के सपने को खुद बेटी सबा नाज़ ने कढ़ी महनत , लगन के साथ पूरी करते हुए , केंद्रीय विद्यालय बेंगलोर में , कार्यभार ग्रहण किया ,, सबा नाज़ को बधाई ,
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