आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

25 सितंबर 2023

कोटा सहित राजस्थान में आजकल भाई साहबों , नेताओं के दलालों का एक नया ट्रेंड चल गया है

 कोटा सहित राजस्थान में आजकल भाई साहबों , नेताओं के दलालों का एक नया ट्रेंड चल गया है , , जो जी हुज़ूरी में हाज़री देने वाले है , उन्हें सही बात लिखना चुभती है , वोह जानते है , अख़बार , और न्यूज़ चेनल्स तो उनके भाई साहबों में , बंधक बना लिए है , ऐसे में , अब समाज की जो भी समस्याएं हैं , वोह लोगों को पता ही नहीं चलें , उनका विरोध ही ना हो , इसलिए अब यह लोग जो जी हुज़ूर है , ,एक जुमला , रटा रटाया जुमला ,, सोशल मिडिया पर समस्याएं लिखने वालों को हतोत्साहित करने के लिए , चलाने लगे है ,  ऐसे लोग अपने भाई साहबों के खिलाफ माहौल देखकर,  उनकी करतूतों  की वजह से , समाज की उपेक्षा की परतें खुलते हुए देखकर , वोह निराश और हताश हो जाते हैं , वोह सोचते है , यह बातें सोशल मीडिया मंच पर,  सांझा कैसे हो रही हैं , हमारे भाई साहबों की पोल क्यों खुल रही है,  हम अपने भाई साहब को , इस मामले में क्या सफाई दे पाएंगे , इसलिए पहले तो वोह ऐसे लोगों को डराते हैं , धमकाते है , फिर भी बात नहीं बनती , तो गुरुप बनाकर उनको अपमानित करने का प्रयास करते हैं , फिर ऐसे लोगों का आखरी हथियार, , एक कुप्रचार होता है, ,, वाट्स एप्प और फेसबुक पर लिखने से क्या होता है , अरे जनाब,   अपने समाज के हक़ में , आप भी तो ज़रा खुलकर लिखकर बताओं , एक लाइन तो लिखकर बताओ , और फिर जब , वाट्स एप्प फेसबुक पर लिखने से कुछ नहीं होता , तो फिर जिला प्रशासन , पुलिस प्रशासन , सरकार , मुख्यमंत्री  , प्रधानमंत्री , खुद मंत्री वगेरा , क्यों ग्रुप बनाकर,  , फेसबुक , , वाट्स एप्प पर लिखवाते हैं , ,चलो , तुम्हारी बात मान ली , वाट्स एप्प , फेसबुक पर  लिखने से कुछ नहीं होता , तो फिर , पेट में दर्द क्यों होता है , कुछ होता है , तभी तो पेट में दर्द होता है , , अरे तुम जो सोचते हो , सच जो है , वोह ज़रा लिखो तो सही , जनमत तय्यार करो तो सही , ,जब केजरीवाल की सरकार , , सोशल मिडिया ,, वाट्स एप्प , फेसबुक के ज़रिये  खडी हो सकती है , नरेंद्र मोदी , जी , मीडिया हाइजेक कर,  वाट्स एप्प , फेसबुक के ज़रिये प्रधानमंत्री बन सकते हैं   तो ऐसे माहौल में , जब , मिडिया सेंसर हो गया हो ,न्यूज़ चैनल बिकाऊ हो गए हों , हर भाईसाहब के ,, हमारे समाजों में से दर्जनों नहीं सैकड़ों दलाल हो गए   हों ,, , हमारी समस्याओं को , हमारे मसाइलों को , उन्होंने , नज़र अंदाज़ कर दिया गया है ,   यह जो सलाहकार मंडल के लोग ,, सोशल मिडिया पर सच लिखने वालों की लेखनी से कसमसाते हैं , भाई साहबों के निर्देशों के बाद भी कुछ नहीं कर पाते है,  डराकर , धमका कर , ऐसी पोस्टों को रुकवा नहीं आते हैं , तो फिर , सोचा समझा जुमला, ऐसे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए कहते हैं , वाट्स एप्प , फेसबुक पर लिखने से क्या होता है , लेकिन दोस्तों , ऐसे लोगों से मेरी दरख्वास्त है , चलो कोटा की तुम्हारे समाज की ही बात करता हूँ , चलो , इबादतघर बरकत उद्यान की ही बात करता हूँ , ज़रा अपनी छाती टटोलो ,. खुद को अंदर से टटोलो , तुम्हारे पास बोलने  , का ज़रिया था  , तुम बोले नहीं , तुम्हारे पास , सुनवाई नहीं होने पर , लिखने का ज़रिया , वाट्स एप्प ,, फेसबुक है , साफ सुथरी जुबां , साफ़ सुथरे अल्फ़ाज़ , तहज़ीब के दायरे में , क़ानून के दायरे में , संविधान के दायरे में , अपनी बात , अपनी डिमांड , क्या तुमने एक अल्फ़ाज़ भी लिखने की कोशिश की , क्या तुमने अपने सोशल मिडिया एकाउंट पर , ऐसी डिमांड का समर्थन क्या , क्या तुमने ऐसे लोग , जो इस स्थल के लिए बेहूदा बातें करते दिखे, उनके खिलाफ ,, क़ानूनी कार्यवाही की मांग उठाई , नहीं ना , क्यूंकि ,, ऐसा  लिखने के लिए कलेजा चाहिए , दोहरा किरदार नहीं , के समाज से तो कहो , में समाज के साथ हूँ , और भाई साहबों के पास जाकर चुगलखोरी करो , के साफ़ फलाना आदमी है , फलाना ऐसा कर रहा हैं , उन्हें गलत को गलत कहकर , सही करने के लिए समझाने की जगह उनसे कहो , साहब इनका क्या लिखने दो , यह तो दो कोड़ी के आदमी है , दो लोग तो इनके साथ नहीं है , चिल्ला कर चुप हो जाएंगे,   इनकी बात मत सुनो , हम हैं ना , ,हम इन्हे समझा देंगे , या हतोत्साहित कर ,देंगे , तो जनाब , कहावत है , शेर भी है ,  कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारो,  सो प्लीज़ , आप भी दिल से ,, बुरे को बुरा , गलत को गलत कहो , अरे आप लोग तो ,, अल्लाह के उस क़ानून,  उस क़ुरानी हुक्म से बंधे हो , जिसमे लिखा है , इज़्ज़त, ज़िल्ल्त , ज़िदंगी , मोत देने वाला अल्लाह ही है, और इसी क़ुरआन में हुक्म है , सभी के लिए हुक्म है , के बुरा अगर देखो , गलत अगर देखो , तो ताक़तवर हो , तो ताक़त से उसका विरोध करो , अगर ताक़तवर नहीं हो , तुम्हे डर है , तो , तुम उसका बोलकर, विरोध करो , और अगर बिलकुल ही कमज़ोर हो तो फिर दिल ही दिल में यह मान लो के यह गलत है , लेकिन कहीं यह नहीं है , के गलत का समर्थन करो , साथ दो ,  बुरे को बुरा कहने वाले को हतोत्साहित करने के लिए कहो ,अरे दो चार लोग है , दो कोड़ी के लोग है , इनको चिल्लाने दो , क्या फ़र्क़ पढ़ता है , , यह मत कहो , वाट्स एप्प ,फेसबुक पर लिखने से क्या होता है, आप भी  लिखो , एक अल्फ़ाज़ , सच का , ,लिखकर बताओ तो सही जनाब , वोह पत्थर का कलेजा होगा , जो देखेगा वोह लिखेगा , यक़ीनन वोह इस ज़माने  का मसीहा होगा , , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान  9829086339

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...