कोटा में किशोरसागर बोटिंग , अभेडा ठेका, रिवर फ्रंट , किशोरसागर, वगेरा वगेरा टिकिट, खान पान , पेयजल आवश्यक आपूर्ति मामले में लूट मची है, पर्यटकों को सेर सपाटे के नाम पर पीने के पानी के नाम पर लूटना , सुप्रीम कोर्ट के आदेश , संविधान, देश की प्यासे को पानी हर हाल में पिलाने की संस्क्रति के खिलाफ है, लेकिन कोटा में इस तरफ पत्रकारिता रिपोटिंग का लोगों को इन्तिज़ार होने पर भी , क्रम वार रिपोर्टिंग पढ़ने को नहीं मिली है, किशोर सागर मोटर बोटिंग ठेका प्रणाली से क्रम 1 के रूप में मेरी रिपोर्टिंग पेश है,
कोटा पर्यटन विकास , सोंदर्यकरण , की ईमानदाराना रिपोर्टिंग के लिए , कोटा में पत्रकारों की अलग से रिपोर्टर बीट होना ही चाहिए , कोटा के पार्क , गार्डन , पर्यटन केंद्र , वगेरा की रिपोर्टिंग समालोचनात्मक हो , तो कोटा के लिए सुझावात्मक शिक्षा प्रद रहेगा , ऐसी रिपोर्टिंग , पत्रकार छान बीन कर, सम्पादक की डेस्क पर तो रखेगा ,फिर चाहे सम्पादक , अख़बार की पॉलिसी , विज्ञापन , फीलगुड फेक्टर की वजह से , छापे या ना छापे , ,लेकिन उन तक , कोटा के पर्यटन मामले , सच , और झूंठ ,,फ़र्ज़वाडे की दास्ताँ तो पहुंचेगी , वर्तमान हालातों में , में ओम कटारा पत्रकार की बात नहीं कर रहा , वोह , लेखक भी हैं , कवि भी हैं , पत्रकार भी हैं , और जब नौकरी में थे तो भी उनकी खबर , उनके विचार , क्रन्तिकारी रिपोर्टिंग , उनके समाचार पत्र में चाहे नतमस्तक सम्पादन प्रणाली की भेंट चढ़ जाए , लेकिन वोह , अन्य समाचार पत्रों के ज़रिये इस सच्चाई को अपने अल्फ़ाज़ों में किसी और के नाम से उजागर करते रहे हैं , पत्रकार धीरेन्द्र जी राहुल की नौकरी के वक़्त , जो भी मजबूरी हो , लेकिन वोह अब , तेज़ तर्रार क़लम के साथ रिपोर्टिंग में अपने जोहर दिखा रहे हैं , स्वर्गीय असलम शेर खान , स्वर्गीय सुनील सिंह , और कुछ लोग और हैं , अभी जग्गू सिंह , आशीष जैन सहित कई दर्जन पत्रकार सच के लियें बेबाकी से क़लम उठा रहे है, छपना नहीं छपना सम्पादक की ज़िम्मेदारी है यह तो अपनी कोशिश कर ही रहे हैं इनके अलावा तो , यहां काफी लोग सिर्फ अनुशासित हैं , नौकरी कर रहे हैं , या फिर , प्रकाशन की पूर्ति भर कर रहे हैं, , यही वजह है , के कोटा में मसाइल खासकर, उद्यान , पर्यटन को बढ़ावा देने वाले स्थल , ऐतिहासिक स्मारक , स्थल , के बारे में रचनात्मक , जनता के हक़ में ,कोई खास खोज खबर की रिपोर्टिंग नहीं हो पा रही हैं फिर , , नगर विकास न्यास हो , नगर निगम हो , दूसरी व्यवस्थाएं हो , सभी ने अपने निजी , जन सम्पर्क पत्रकार को ठेके पर तो अलग से नियुक्त किया हुआ है , जो पत्रकारिता लाइजनिंग का काम बखूबी निभा रहे हैं , नतीजा यह है , के कोटा में पर्यटन स्थलों की किराया पद्धति , रख रखाव व्यवस्था , लूट खसोट मामले में , कोई रिपोर्टिंग ही नहीं हो रही है ,, ,,,,, खेर कोई बात नहीं , में सोशल मीडिया पर अपने अनुभव तो पेश कर ही सकता हूँ ,, कुछ तो सच उजागर होगा, ,, लेकिन कोटा के हित में बाहर से आये सम्पादकों की बात छोड़े लेकिन कोटा से जुड़े लोगों को , तो हर हाल में , यहां की व्यवस्थाओं को उजागर करना ही चाहिए , , अब बात किशोर सागर में चंबल बोटिंग की ही लो,इस मामले में ,, किराए से लेकर , रख रखाव मामले में , बेहतरीन रिपोर्टिंग बन सकती है , , किशोरसागर में वोट चलाने की संविदा , उसकी शर्तें ,वगेरा वैसे तो सार्जनिक रूप से बोर्ड पर लिखवाना ही चाहिए , ,, खाद सामग्री महंगे दामों में बिक्री की बात भी छोड़ दें , तो किशोर सागर में वोटिंग की ठेका प्रणाली तो , यक़ीनन , सोच से बाहर हैं , ,स्टाफ तो उदयपुर का है , मोटर बोट उदयपुर की हैं , लेकिन कांन्ट्रेक्ट साक्षी इलेक्ट्रिकल के नाम खुला है , अब ज़रा सोचो , नगर विकास न्यास , नगर निगम सहित , गार्डन की लाइट व्यवस्था की ठेकेदारी करने वाली फर्म , के पास , मोटर बोट संचालन का अनुभव कहाँ से आया होगा , एक ठेकेदार ने , बिजली के काम के साथ , मोटर बोट संचालन , सुरक्षा व्यवस्था , का अनुभव कहां से लिया होगा , कैसे आर टी ओ विभाग ने ,, ज़िला मजिस्ट्रेट ने, सुरक्षा के मापदन्डों के विपरीत , छान बीन किये बगैर, एक बिजली के ठेकेदार को , मोटर बोटिंग का ठेका , ,लाइसेंस , सुरक्षा मापदंडो की जांच मामले में अनापत्ति ,जारी की , होगी , एक मोटर बोट एक व्यक्ति का टिकिट 250 रूपये उसमे 45 रूपये , स्टेट और केंद्र की जी एस टी ,, शामिल है , बाक़ी , 205 रूपये प्रति व्यक्ति टिकिट में से , खर्चा वगेरा निकाल कर ,बचत ही बचत है , ,खेर ,, ठेका किस मापदंड से हुआ, एक इलेक्ट्रिक ठेकेदार के पास , ,मोटर बोट सुरक्षित तरीके से संचालित करने का अनुभव कहां से मिला , आम जनता से टिकिट की क़ीमत , और इनके खर्च , के बाद ,बचत का इतना बढ़ा अंतर क्यों रखा गया , अगर टिकिट में ,थोड़ी रियायत हो , तो अधिक लोग , आम लोग ,भी इसका आनंद ले सकेंगे ,, , इन सब सवालों ,पर रिपोर्टर को , खबर बनाना ही चाहिए , ,लेकिन , ऐसा उद्घघाटन से आज तक , किसी भी अख़बार में , न्यूज़ चैनल में , अगर कोई खबर आई हो तो प्लीज़ मेरा ज्ञान ज़रूर बढ़ाइएगा , ताकि में भी अपनी भूल सुधार कर ज्ञान वर्धन कर सकूं ,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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akhtar khan akela
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