(और ऐ रसूल) तुम (चाहे) किसी हाल में हो और क़़ुरान की कोई सी भी आयत
तिलावत करते हो और (लोगों) तुम कोई सा भी अमल कर रहे हो हम (हम सर वक़त) जब
तुम उस काम में मषग़ूल होते हो तुम को देखते रहते हैं और तुम्हारे
परवरदिगार से ज़र्रा भी कोई चीज़ ग़ायब नहीं रह सकती न ज़मीन में और न
आसमान में और न कोई चीज़ ज़र्रे से छोटी है और न उससे बढ़ी चीज़ मगर वह
रौषन किताब लौहे महफूज़ में ज़रुर है (61)
आगाह रहो इसमें शक नहीं कि दोस्ताने ख़ुदा पर (क़यामत में) न तो कोई ख़ौफ होगा और न वह आजु़र्दा (ग़मग़ीन) ख़ातिर होगे (62)
ये वह लोग हैं जो ईमान लाए और (ख़़ुदा से) डरते थे (63)
उन्हीं लोगों के वास्ते दीन की जि़न्दगी में भी और आखि़रत में (भी)
ख़ुशख़बरी है ख़़ुदा की बातों में अदल बदल नहीं हुआ करता यही तो बड़ी
कामयाबी है (64)
और (ऐ रसूल) उन (कुफ़्फ़ार) की बातों का तुम रंज न किया करो इसमें तो शक
नहीं कि सारी इज़्ज़त तो सिर्फ ख़ुदा ही के लिए है वही सबकी सुनता जानता है
(65)
आगाह रहो इसमें शक नहीं कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में
है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही के लिए है और जो लोग ख़ुदा को छोड़कर (दूसरों
को) पुकारते हैं वह तो (ख़ुदा के फजऱ्) शररीकों की राह पर भी नहीं चलते
बल्कि वह तो सिर्फ अपनी अटकल पर चलते हैं और वह सिर्फ वहमी और ख़्याली
बातें किया करते हैं (66)
वह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को
बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौषनी में देखो
भालो उसमें शक नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी
निशानियाँ हैं) (67)
लोगों ने तो कह दिया कि ख़ुदा ने बेटा बना लिया-ये महज़ लगों वह तमाम
नकायस से पाक व पाकीज़ा वह (हर तरह) से बेपरवाह हैं व जो कुछ आसमानों में
है और जो कुछ ज़मीन में है (सब) उसी का है (जो कुछ) तुम कहते हो( उसकी कोई
दलील तो तुम्हारे पास है नहीं क्या तुम ख़ुदा पर) (यूही) बे जाने बूझे झूठ
बोला करते हो (68)
ऐ रसूल तुम कह दो कि बेशक जो लोग झूठ मूठ ख़़ुदा पर बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें (69)
(ये) दुनिया के (चन्द रोज़ा) फायदे हैं फिर तो आखि़र हमारी ही तरफ लौट कर
आना है तब उनके कुफ्र की सज़ा में हम उनको सख़्त अज़ाब के मज़े चखाएँगें
(70)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 सितंबर 2023
आगाह रहो इसमें शक नहीं कि दोस्ताने ख़ुदा पर (क़यामत में) न तो कोई ख़ौफ होगा और न वह आजु़र्दा (ग़मग़ीन) ख़ातिर होगे (62) ये वह लोग हैं जो ईमान लाए और (ख़़ुदा से) डरते थे
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