विमला देवी मरणोपरांत दे गयी दो लोगों को नई नेत्रज्योति-*
*पुत्रवधू ने करवाया अपनी सासु मां का नेत्रदान-*
नेत्रदान के क्षेत्र में बढ़ती जागरूकता के कारण भवानीमंडी क्षेत्र में नेत्रदान का विषय अब घर घर पहुंच गया है, एवं इसी का परिणाम है कि अत्यंत दुख के समय में भी परिजनों के द्धारा नेत्रदान के लिए स्वयं पहल होने लगी है, इसी तरह का एक नेत्रदान भवानीमंडी में महिला विमला देवी काग्या की मृत्यु के पश्चात महिला की पुत्रवधू के द्वारा स्वयं पहल करके करवाया गया।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि नगरपालिका के पास निवासी दिनेश काग्या की माताजी विमला देवी की तबीयत खराब होने पर परिवार-जन निजी चिकित्सालय में लेकर गए एवं वहीं पर महिला का निधन हो गया, ऐसे में महिला के साथ उपस्थित पुत्रवधू आशा काग्या ने अपनी सास का नेत्रदान करवाने की इच्छा प्रकट की ।
अत्यंत संवेदनशील अवसर होने के बाद भी परिवार ने तुरंत ही उनके नेत्रदान का निर्णय लिया, एवं पार्षद अविनाश जायसवाल एवं बंसीलाल परतानी के माध्यम से नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल द्वारा सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के उत्कर्ष मिश्रा ने रात्रि को 9 बजे कार से भवानीमंडी पहुंचकर घर पर उपस्थित सभी परिवार सदस्यों के सामने कोर्निया प्राप्त किया।
नेत्रदान के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण घर पर उपस्थित सभी महिलाएं नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान सामने उपस्थित थी, नेत्रदान प्रक्रिया में मृतका के भतीजे रामेश्वर, जितेंद्र, संतोष काग्या एवं पंकज माहेश्वरी, अविनाश जायसवाल आदि ने सहयोग किया।
नेत्र उत्सरक शाइन इंडिया फाउंडेशन के उत्कर्ष मिश्रा के अनुसार मृतका विमला देवी का कोर्निया अच्छा पाया गया है, जिसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है। जहां यह दो असहाय नेत्रहीनों को नई नेत्रज्योति प्रदान कर सकेगा।
नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के अनुसार शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 92 वाँ नेत्रदान है, एवं इस वर्ष का यह 17 वाँ नेत्रदान प्राप्त हुआ है। वही यह एक पखवाड़े में झालावाड़ जिले से चोथा नेत्रदान संपन्न हुआ है।
नेत्रदानी विमला देवी की पुत्रवधू आशा काग्या के अनुसार माताजी भवानीमंडी के नेत्रदान कार्यक्रम से प्रभावित थी, एवं उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार ही परिवार ने उनके नेत्रदान का निर्णय लिया, वहीं पार्षद अविनाश जायसवाल ने बताया कि महिला विमला देवी अपने मधुर और सरल व्यवहार के कारण पूरे समाज एवं नगर में अत्यंत लोकप्रिय थी, ऐसे में महिला के निधन पर पूरे समाज ने शोक प्रकट किया है और परिवार के द्वारा नेत्रदान के परोपकार के कार्य के लिए सराहना की है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 सितंबर 2023
विमला देवी मरणोपरांत दे गयी दो लोगों को नई नेत्रज्योति-*
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