और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह हूँ (21)
ग़रज़ धोखे से उन दोनों को उस (के खाने) की तरफ ले गया ग़रज़ जो ही उन
दोनों ने इस दरख़्त (के फल) को चखा कि (बेहष्ती लिबास गिर गया और समझ पैदा
हुयी) उन पर उनकी शर्मगाहें ज़ाहिर हो गयीं और बेहष्त के पत्ते (तोड़ जोड़
कर) अपने ऊपर ढापने लगे तब उनको परवरदिगार ने उनको आवाज़ दी कि क्यों मैंने
तुम दोनों को इस दरख़्त के पास (जाने) से मना नहीं किया था और (क्या) ये न
जता दिया था कि शैतान तुम्हारा यक़ीनन खुला हुआ धुश्मन है (22)
ये दोनों अर्ज़ करने लगे ऐ हमारे पालने वाले हमने अपना आप नुकसान किया और
अगर तू हमें माफ न फरमाएगा और हम पर रहम न करेगा तो हम बिल्कुल घाटे में
ही रहेगें (23)
हुक्म हुआ तुम (मियां बीबी षैतान) सब के सब बेहषत से नीचे उतरो तुममें से
एक का एक दुष्मन है और (एक ख़ास) वक़्त तक तुम्हारा ज़मीन में ठहराव
(ठिकाना) और जि़न्दगी का सामना है (24)
ख़ुदा ने (ये भी) फरमाया कि तुम ज़मीन ही में जिन्दगी बसर करोगे और इसी में मरोगे (25)
और उसी में से (और) उसी में से फिर दोबारा तुम जि़न्दा करके निकाले जाओगे
ऐ आदम की औलाद हमने तुम्हारे लिए पोशाक नाजि़ल की जो तुम्हारे शर्मगाहों
को छिपाती है और ज़ीनत के लिए कपड़े और इसके अलावा परहेज़गारी का लिबास है
और ये सब (लिबासों) से बेहतर है ये (लिबास) भी ख़़ुदा (की कुदरत) की
निशानियों से है (26)
ताकि लोग नसीहत व इबरत हासिल करें ऐ औलादे आदम (होशियार रहो) कहीं
तुम्हें षैतान बहका न दे जिस तरह उसने तुम्हारे बाप माँ आदम व हव्वा को
बेहशत से निकलवा छोड़ा उसी ने उन दोनों से (बेहश्ती) पोशाक उतरवाई ताकि उन
दोनों को उनकी शर्मगाहें दिखा दे वह और उसका क़ुनबा ज़रूर तुम्हें इस तरह
देखता रहता है कि तुम उन्हे नहीं देखने पाते हमने शैतानों को उन्हीं लोगों
का रफीक़ क़रार दिया है (27)
जो ईमान नही रखते और वह लोग जब कोई बुरा काम करते हैं कि हमने उस तरीके
पर अपने बाप दादाओं को पाया और ख़ुदा ने (भी) यही हुक्म दिया है (ऐ रसूल)
तुम साफ कह दो कि ख़ुदा ने (भी) यही हुक्म दिया है (ऐ रसूल) तुम (साफ) कह
दो कि ख़ुदा हरगिज़ बुरे काम का हुक्म नहीं देता क्या तुम लोग ख़ुदा पर
(इफ्तिरा करके) वह बातें कहते हो जो तुम नहीं जानते (28)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मेरे परवरदिगार ने तो इन्साफ का हुक्म दिया है और
(ये भी क़रार दिया है कि) हर नमाज़ के वक्त अपने अपने मुँह (कि़बले की
तरफ़) सीधे कर लिया करो और इसके लिए निरी खरी इबादत करके उससे दुआ मांगो
जिस तरह उसने तुम्हें शुरू शुरू पैदा किया था (29)
उसी तरह फिर (दोबारा) जि़न्दा किये जाओगे उसी ने एक फरीक़ की हिदायत की
और एक गिरोह (के सर) पर गुमराही सवार हो गई उन लोगों ने ख़ुदा को छोड़कर
षैतानों को अपना सरपरस्त बना लिया और बावजूद उसके गुमराह करते हैं कि वह
राह रास्ते पर है (30)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अगस्त 2023
और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह हूँ
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