कोलाहल करते राहगीर,
भागते वाहनों का शोर।
सड़क किनारे तरु तले,
पिता के सीने पर,
सोती हुई एक बेटी।
दुनियां में बस यही है
वो जगह जो सबसे सही है।
क्यूँकि एक बेटी...
सबसे महफ़ूज़ यहीं है।
आसमां में उन्मुक्त उड़ान.
इसी सीने से भरती हैं।
जब विदा होती हैं घर से
तो इसी सीने से लगतीं हैं।
दुनियां में बस यही है
वो जगह जो सबसे सही है।
क्यूँकि एक बेटी...
सबसे महफ़ूज़ यहीं है।
यह कोई सड़क नही
जहाँ फब्तियों का डर हो।
दिल की हर बात
इसी सीने से लगकर कहती है।
दुनियां में बस यही है
वो जगह जो सबसे सही है।
क्यूँकि एक बेटी...
सबसे महफ़ूज़ यहीं है।
बेटियों को बेटा
कहने का जज़्बा इसी में है।
उनकी कामयाबी पर
ख़ुशी से नाचना इसी में है।
दुनियां में बस यही है
वो जगह जो सबसे सही है।
क्यूँकि एक बेटी...
सबसे महफ़ूज़ यहीं है।
ये वो जन्नत है जहाँ बेटियाँ
परियों की तरह रहती हैं।
मंज़िल पर जाने से पहले
वो अपने माथे को
इसी सीने से लगकर कहती हैं।
उन्हें शगुन में दही चीनी की
अब कोई ज़रूरत नही है।
दुनियां में बस यही है
वो जगह जो सबसे सही है।
क्यूँकि एक बेटी...
सबसे महफ़ूज़ यहीं है
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