पुराने समय पर शादियों में कुछ लोगों को हलवाई पर
निगरानी रखने के लिए उनके पास बिठाया जाता था..
यह लोग मामाजी, मौसाजी, फूफाजी या जीजाजी होते थे
ये कुछ भी जानते नहीं थे.. फिर भी यह लोग चार पांच बार
दोनों हाथ पीछे बांधकर हर चीज को देखते और हलवाई को
पूड़ी थोड़ी नरम राखजो.. दूध पैतीस लीटर कहाँ चल गयो ??
जलेबी थोड़ी पतली बनाजो..गुलाबजामुन में मैदा और बढ़ाओ
इन्हें ये काम सोंपने के पीछे एक बेसिक राज ये होता था कि
शादी के बाकी काम बड़े आराम से व शांति से निपट जाएं
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