पति के नैत्रदान से प्रेरित थी,अब स्वयं भी कर गयी नैत्रदान
2. पुत्रों ने पिता के नैत्रदान के बाद माँ का भी कराया नैत्रदान
वर्ष
2012 में अपने पति श्री उद्धव दास रोहिड़ा के नेत्रदान से प्रेरित होने के
उपरांत शांति देवी ने अपने स्वयं के नेत्रदान के लिए भी अपने चारों बेटों
को कह दिया था कि,जब भी मेरा अंत समय आता है, तो मेरे नेत्रदान का कार्य भी
सभी कुछ भूलकर जरूर याद से पूरा होना चाहिए ।
रविवार
को शांति देवी जी का निधन हुआ, उनकी अंतिम इच्छा जानकर उनके बड़े बेटे
ठाकुर दास रोहिडा ने तुरंत ही शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया ।
परिवार
के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई, रोहिड़ा
परिवार प्रारंभ से ही नेत्रदान के प्रति काफी जागरूक रहा है,2 वर्ष पूर्व
ठाकुर दास की बेटी निकिता का भी आकस्मिक निधन हुआ था उस समय पर भी परिवार
के सदस्यों ने निकिता का नेत्रदान करवाने के लिए बात की थी,परंतु मृत्यु के
बाद काफी समय बीत जाने के कारण नेत्रदान का कार्य संभव नहीं हो सका ।
नेत्रदान
के इस पुनीत कार्य में ठाकुर दास के अन्य दो भाई ओमप्रकाश, कृष्ण
गोपाल,बहनें रेणु,चेतना, अंजली व वनिता एवं लाइंस क्लब कोटा टेक्नो के
सदस्य लायन अनिल गुप्ता का सहयोग रहा ।
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