समस्त जगत के कल्याण में ब्राह्मण समाज का योगदान अतुलनीय - स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज
विष्णु के छठे अवतार, परशुराम की जय जयकार से गुंजायमान रहा कोटा महानगर
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ,मंत्री धारीवाल समेत कई जनप्रतिनिधियों ने किया स्वागत एवं अभिनंदन
के के शर्मा कमल
कोटा, 23 अप्रैल। हाथ में परसा, सिर पर पगड़ी, हजारों नर-नारी अपनी वेशभूषा महिलाएं पीली साड़ी व पुरूष सफेद कुर्ता-पजामा (श्वेत वस्त्रों) में डीजे पर भजनों की सुमधुर धुन पर नाचते गाते, भगवान परशुराम के जयघोष ‘‘विष्णु के छठे अवतार, परशुराम की जय जयकार..., जमदग्नि के राजकुमार की जय जयकार.., सती सिरोमणि नारी महान, रेणुका मां की जय जयकार...,’’ के नारे लगाते यह दृश्य था भगवान परशुराम के प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष में ब्राह्मण समाज द्वारा निकाली भव्य शोभा यात्रा का।
शोभायात्रा के संयोजक बाबा शैलेन्द्र भार्गव ने बताया कि शोभायात्रा का शुभारंभ शाम 5 बजे परशुराम सर्किल तलवण्डी से मुख्य अतिथि स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज शंकराचार्य ज्योतिर्मठ अवांतर भानपुरा पीठ, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, विप्र कल्याण बोर्ड राजस्थान के चेयरमैन महेश शर्मा, दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा, ममता शर्मा, ममता तिवारी उमा शर्मा आशीष भार्गव, अमित धारीवाल, सुमन श्रृंगी
व उपस्थित ब्राह्मणबंधओं द्वारा मंत्रोच्चरण के साथ ध्वज पूजन कर किया।
इनके साथ प्रशासनिक अधिकारी लक्ष्मण गौड़, पंकज ओझा, हरिप्रसाद शर्मा, कोटा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार व्यास, लोकसभा अध्यक्ष ओएसडी राजीव दत्ता, राजेश जोशी सचिव नगर विकास न्यास कोटा व शहर के जनप्रतिनिधियों सहित हजारों की संख्या में विप्रबंधु उपस्थित रहे।
वही सभी अतिथियों का आयोजन समिति द्वारा साफा पहना दुपट्टा धारण करवा कर स्वागत किया।
उन्होने बताया कि शोभायात्रा तलवण्डी सर्किल से प्रारंभ होकर सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल होते हुए केशवपुरा मेन रोड, महावीर नगर तृतीय चौराहा से घटोत्कच सर्किल से परशुराम वाटिका बालाजी मार्केट पहुंची, जिसमें ब्राह्मण समाज के 30 घटकों के लोग शामिल रहे।
उन्होंने बताया कि शोभा यात्रा मार्ग में 151 स्वागत तार लगाए गए वहीं शहर की विभिन्न संस्था एवं समाज द्वारा ठंडा जल, पेय पदार्थ व पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया।
शोभायात्रा परशुराम वाटिका पहुंचने पर श्रीराम स्तुति, राधा-कृष्ण नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये तथा भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना के साथ शंख ध्वनि के बीच 151 दीपों, ढोल नगाड़ों व शंख ध्वनि से महाआरती की मंच से संतों के आशिर्वचन हुए भव्य आतिशबाजी व ब्रह्मभोज से कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस अवसर पर बाबा शैलेंद्र भार्गव, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, रविंद्र त्यागी, विशाल शर्मा, कुंज बिहारी गौतम, ब्रजराज गौतम, राजेंद्र गौतम, भुवनेश्वर शर्मा, ईश्वर शर्मा, अनिल तिवारी, शिवकांत नंदवाना, विकास शर्मा, जगमोहन गौतम, राखी गौतम, संजय गौतम, रामस्वरूप मंडाप, विकास शर्मा, हीरेंद्र शर्मा, प्रवीण पंचोली, के के शर्मा कमल धर्मेंद्र दीक्षित, अनूप ठाकुर, विद्याशंकर गौतम, अंजू शर्मा, शीला तिवारी, हर्षित गौतम, आशीष शर्मा, नवीन शर्मा, रासबिहारी पारीक, महेश शर्मा एडवोकेट, बृजेश शर्मा, दिनेश दुबे, रोहित गौतम, रमेश चन्द गौतम एवं ब्राह्मण समाज के गणमान्य बंधु जन उपस्थित रहे।
ये रहे आकर्षण -
शोभायात्रा में विभिन्न देवी-देवताओं व महापुरुर्षों की 21 झांकियां, 3 बैंड, 4 डीजे, 8 घोड़े 10 बग्गियों में संत विराजित रहे, शोभायात्रा के परशुराम वाटिका पहुंचने पर 151 दीपों से ढोल और नगाडों, शंख ध्वनि के साथ महाआरती हुई, वही शोभायात्रा के दौरान घटोत्कच सर्किल व परशुराम वाटिका पर भव्य आतिशबाजी की गई।
स्वच्छता का दिया संदेश
बाबा शैलेन्द्र भार्गव ने बताया की शोभायात्रा के दौरान मार्ग स्वच्छता का ध्यान रखते हुये जिसमें समाज के 26 पार्षदों के निर्देशन में जगह-जगह साफ-सफाई व टिपरों की व्यवस्था की, वही मार्ग में निगम की ओर से दो फांगिंग मशीनें भी साथ रही।
दिया एकजुटता संदेश-
शोभायात्रा में समाज के सभी संगठनों ने एकजुटता का संदेश देते हुये भगवान परशुराम का दो दिवसीय प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया।
समाजहित में उठाएंगे मुद्दे -
बाबा शैलेन्द्र भार्गव ने बताया कि शोभायात्रा 8 संकल्प के रूप में रही जिसमें हाड़ौती में 8 विधानसभाओं पर प्रमुख पार्टियों में ब्राह्मण प्रत्याशी घोषित करने, अंतरजातीय विवाह पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बंद करने, भारतीय सेना में परशुराम रेजीमेंट बनाने, कोटा मेडिकल कॉलेज का नाम भगवान परशुराम के नाम पर करने, पुजारी सुरक्षा एक्ट बनाने, गरीब ब्राह्मण परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सरकारी सहायता देने, जिला मुख्यालय पर सरकारी वेद विद्यालय स्थापित करने, जिन पुजारियों के पास जमीन नहीं है, उन्हें न्यूनतम वेतन देने, मंदिर माफी की जमीन में पुजारियों का नाम करने, आर्थिक आधार पर आरक्षण, ईडब्ल्यूएस की न्यूनतम अवधि 3 वर्ष करने, समाज में मृत्युभोज पर रोक का संदेश दिया जाएगा।
पार्किंग व्यवस्था की उत्तम-
परशुराम सर्किल तलवंडी पर उचित पार्किंग व्यवस्था की जहां लोग अपने वाहन खड़े कर शोभायात्रा में परशुराम वाटिका पहुंचे, वहा से तलवंडी पार्किंग स्थल तक आने के लिए 40 बसें, ई-रिक्शा की व्यवस्था उत्तम रही।
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