राजस्थान, मंत्रालयिक कर्मचारियों के 11 सूत्रीय मांगपत्र के पूर्व में गहलोत सरकार द्वारा 2008 में दिए गए 3600 रुपये ग्रेड की गम्भीरता, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नोकरशाहों की सलाह के मुखालिफ जाकर लगभग स्वीकार करने का मन बना लिया लगता है, भाजपा में वसुंधरा सरकार का 2008 में गहलोत सरकार द्वारा दिये गए उक्त ग्रेड को फिर से कम करने का पाप हुआ था, जिन्हों को गहलोत सरकार ने 3600 का ग्रेड दिया वोह रिकवरी के साथ उनसे छीनना यक़ीनन भाजपा की बेईमानी थी, अब फिर अशोक गहलोत की, तुम मांगते मांगते थक जाओगे, में देते देते नहीं थकूंगा, की कहावत चरितार्थ करने वाली सरकार है, ऐसे में, भाजपा परस्त, अधिकारियों, नोकरशाहों की गुमराही से याब सरकार पूर्ववत फैसला लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों को 3600 का ग्रेड देने, पूर्व में दिए गए ग्रेड की रिकवरी नहीं करने जैसे सकारात्मक मानवीय फैसला ले सकती है, जबकि कर्मचारियों को भाजपा के इस चेहरे को भी बेनकाब करना चाहिए, जो 2008 में अशोक गहलोत ने कर्मचारियों को दिया था , वोह भाजपा ने अमानवीय तरीके से छीना , रिकवर किया, इसे राजस्थान की जनता और 8 लाख कर्मचारियों को समझकर प्रचारित करना होगा, अख़्तर
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