नफरत की इस दुनिया में ,,मेने भी एक मोहब्बत की छोटी सी कच्ची गुमटी लगाई है ,,नफरत के महल बनते जा रहे है ,,मेरी मोहब्बत की गुमटी ,,कभी तोड़ी गई ,,कभी लूटी गई ,,कभी नफरत की आंधी में जलाई गई ,,,कभी फसादात ,,कभी आरक्षण की आग ,,कभी सियासी हथकंडो की भेंट ,,मेरी यह मोहब्ब्त की थड़ी ,, राख हुई है ,,लेकिन दोस्तों ,,नफरत के इस शहर में ,,नफरत की इस बस्ती में ,,में भी हिम्मत नहीं हारा हूँ ,,मोहब्बत की मेरी गुमटी ,,फिर से आबाद है ,,फिर से ज़िंदाबाद है ,,मेरे ग्राहक ,,नफरत के बाज़ार के मुक़ाबिल , कम ही सही ,लेकिन हैं तो सही, ,लेकिन में भी बेकार तो नहीं ,,,मुझे फख्र है, मेरे फेसबुक साथियों पर ,,बहनो और भाइयों पर ,,के यह सब लोग ,,नफरत के महल ,,नफरत के बिग बाज़ार , , नफरत के मोल ,,छोड़ कर मेरी गुमटी पर ,,मुझसे मोहब्बत का व्यापार करने आते है ,,क्योंकि में मेरे सभी फेसबुक साथियो ,,भाईओं और बहनो से प्यार करता हूँ ,,यह भी मुझ से प्यार करते है ,,आई लव यु फ्रेंड्स ,,एंड आई थिंक यू आल सो लव मी ,,,में शुक्रगुज़ार हूँ ,,,नफरत के बाज़ार में मोहब्बत के इन सौदागरों का ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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