रंग भरे हाथों से मुक्तिधाम में लिया नेत्रदान
2. अग्नि लगाने से ठीक पहले समझाइश से संपन्न हुआ नेत्रदान
एक
तरफा जहाँ पूरा शहर रंगों का पर्व होली मना रहा था, उसी समय महावीर नगर
स्थानीय निवासी श्री आर के शर्मा (सेवानिवृत्त मुख्य प्रशिक्षक-आईटीआई
कॉलेज,कोटा) के परिवार पर घोर दुख आ गया ।
शर्मा
जी की धर्मपत्नी श्रीमती गायत्री शर्मा का सुबह 7:00 बजे हृदयाघात से
आकस्मिक निधन हो गया । आर के शर्मा जी और गायत्री जी के मृदुल, विनम्र और
सेवा भाव के व्यवहार से न सिर्फ समाज के बल्कि शहर में काफ़ी लोग परिचित रहे
हैं । इसी कारण ज्यादातर लोग त्यौहार होने के बावजूद भी शर्मा जी के निवास
स्थान पर शोक व्यक्त करने एवं अंतिम संस्कार में जाने के लिए आ पहुँचे ।
किशोरपुरा
मुक्तिधाम पर गायत्री जी के पार्थिव शव को अग्नि संस्कार के लिये लकड़ियों
पर रख दिया गया था । तभी शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योतिमित्र अजीत सिंह
ने आर के शर्मा जी को अनुरोध किया कि,यदि हम काकी सा के नेत्रदान का कार्य
संपन्न करवाते हैं,तो इससे बड़ी श्रद्धांजलि होली के पावन पर्व पर नहीं हो
सकती ।
शर्मा जी ने अपने
बेटे निखिल,और भाई सूर्यकांत व आंनद से कहकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को
रोका, और तुरंत अजीत को कहा कि,जितना जल्दी हो सके,नेत्रदान के लिए टीम को
बुलवा लो,यदि थोड़ा समय लगेगा तब भी हम लोग अंतिम संस्कार को रोकेंगे
परंतु पुनीत कार्य नेत्रदान तो जरूर करवाएंगे।
अजीत
सिंह की सूचना के ठीक बाद,शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ अपने साथ तकनीशियन
टिंकू ओझा को लेकर ठीक 10 मिनट में मुक्तिधाम पहुंच गए । इस दौरान परिवार
के सभी सदस्य और मित्र होली खेलने के लिए घर पर आए हुए थे,वहीं से त्यौहार
को बीच में छोड़कर टीम के सदस्य सीधा किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुँचे, 20 मिनट
में नेत्रदान की संपूर्ण प्रक्रिया किशोरपुरा मुक्तिधाम में 200 से अधिक
उपस्थित जनसमूह के बीच में सम्पन्न हो गई ।
शर्मा
जी का कहना था कि,शोक के कारण वह नैत्रदान के बारे में ध्यान नहीं दे
पाये,परंतु अजीत के सही समय पर याद दिलाने से मैं पत्नी को श्रद्धांजलि
स्वरुप उनके नेत्रदान करा पाया ।
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