कोई किसी दोस्त को न पूछेगा गुनेहगार तो आरज़ू करेगा कि काश उस दिन के अज़ाब के बदले उसके बेटों (11)
और उसकी बीवी और उसके भाई (12)
और उसके कुनबे को जिसमें वह रहता था (13)
और जितने आदमी ज़मीन पर हैं सब को ले ले और उसको छुटकारा दे दें (14)
(मगर) ये हरगिज़ न होगा (15)
जहन्नुम की वह भड़कती आग है कि खाल उधेड़ कर रख देगी (16)
(और) उन लोगों को अपनी तरफ़ बुलाती होगी (17)
जिन्होंने (दीन से) पीठ फेरी और मुँह मोड़ा और (माल जमा किया) (18)
और बन्द कर रखा बेशक इन्सान बड़ा लालची पैदा हुआ है (19)
जब उसे तक़लीफ छू भी गयी तो घबरा गया (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 फ़रवरी 2023
कोई किसी दोस्त को न पूछेगा गुनेहगार तो आरज़ू करेगा कि काश उस दिन के अज़ाब के बदले उसके बेटों
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)